जादू-टोना और अंधविश्वास कुछ भी नहीं...सारे आरोप गलत, बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री को पुलिस की क्लीन चिट

 नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम सरकारत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं मिला है कि जिससे कहा जा सके कि शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं।अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने यह आरोप लगाए हैं।

 

भोपाल. पिछले एक सप्ताह से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार चर्चा में हैं। उन पर नागपुर की एक संस्था ने अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। लेकिन अब नागपुर पुलिस ने इस मामले में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ने प्रेस वार्ता में यह सूचना दी। अधिकारियों ने कहा कि बागेश्वर धाम के वीडियोज में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है जिससे यह कहा जा सके कि धमेंद्र शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं।

नागपुर पुलिस ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को यूं भेजा जवाब

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दरअसल, सोमवार को नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने बागेश्वर बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। साथ ही आरोप लगाया था कि धर्मेंद्र शास्त्री के पास कोई सिद्धि नहीं है और वह सिर्फ ढोंग-अंधविश्वास फैलाते हैं। जिसके बाद पुलिस ने इसकी गंभरीता से जांच की और मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मौजूद बागेश्वर धाम आश्रम पहुंची। जांच करने के बाद नागपुर पुलिस ने शास्त्री को क्लीन चिट दी। इतना ही नहीं शिकायत पर नागपुर पुलिस ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को जवाब भेजा है।

पुलिस ने दरबार से जुड़े वीडियो की पड़ताल

जांच करने के बाद नागपुर पुलिस ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को जवाब भेजा है। नागपुर पुलिस ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 7-8 जनवरी दरबार से जुड़े वीडियो की पड़ताल की गई थी। पूरी पड़ताल के बाद वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जिससे यह साबित सके की बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अंधश्रद्धा कानून 2013 के तहत कोई जादू-टोना या अंधविश्वास फैला रहे हैं।

बागेश्वर सरकार ने यूं किया था पलटवार

धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर की समिति के जवाब में पलटवार करते हुए कहा था कि वह बागेश्वर बालाजी में पूरा विश्वास करते हैं। जो कुछ भी होता हनुमान जी महाराज और बालाजी भगवान के आशीर्वाद से होता है। उन्होंने आगे कहा कि वह नागपुर से दरबार छोड़कर नहीं गए। बागेश्वर धाम का दरबार नियोजित समय में शुरू और खत्म हुआ। जिस वक्त दरबार लगा था तो वहां पर श्याम मानव और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के लोग तब उन्हें अपनी चुनौती देने क्यों नहीं आए। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे इस वक्त रायपुर में कथा कह रहे हैं। मैं तुम्हारी चिनौती स्वीकार करता हूं। लेकिन समिति को मुझे चैलेंज देने रायपुर आना पड़ेगा।

 

 

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