शिक्षा का अधिकार अधिनियम: 489 करोड़ रुपये सीधे स्कूलों के खातों में, जानिए कैसे मिलेगा फायदा

Published : Sep 29, 2025, 01:56 PM IST
CM Dr. Mohan Yadav

सार

CM डॉ. मोहन यादव 29 सितंबर को हरदा खिरकिया में 20 हजार अशासकीय विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 489 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे। यह फंड 8 लाख नि:शुल्क पढ़ाई कर रहे बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में सीधे उनके स्कूलों के खातों में जाएगा।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा जिले के खिरकिया में एक बड़ा ऐलान किया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश के 20,652 अशासकीय विद्यालयों के बैंक खातों में 489 करोड़ रुपये सीधे अंतरित किए जाएंगे। यह राशि वर्ष 2023-24 में नि:शुल्क पढ़ाई कर रहे 8 लाख 45 हजार बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति के लिए है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यह राशि सीधे स्कूलों के खातों में “सिंगल क्लिक” के माध्यम से डाली जाएगी। इसके साथ ही वे विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण भी करेंगे, ताकि स्कूलों के बच्चों के लिए जन-कल्याणकारी योजनाओं में लाभ सुनिश्चित हो सके।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम: क्या है खास?

शिक्षा का अधिकार अधिनियम गैर-अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में बच्चों को उनकी नज़दीकी स्कूल में प्रवेश दिलाता है। इसमें पहली कक्षा की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटें वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। इसका मतलब यह है कि हर गरीब या पिछड़े वर्ग का बच्चा बिना फीस के स्कूल में पढ़ाई कर सकता है।  प्रदेश में अब तक इस योजना से लगभग 8.5 लाख बच्चे पढ़ाई का लाभ उठा रहे हैं। 2011-12 से लागू इस अधिनियम के तहत अब तक 19 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा अब तक 3,000 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति की जा चुकी है।

 

 

क्या आपके जिले के स्कूलों को मिलेगी फीस की प्रतिपूर्ति?

इस राशि का वितरण प्रदेश के सभी 20 हजार से अधिक अशासकीय विद्यालयों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार यह राशि स्कूलों के विकास, बच्चों की सुविधा और गुणवत्ता शिक्षा के लिए सीधे उपयोग होगी।  यह कदम प्रदेश में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने, गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए पढ़ाई को आसान बनाने और स्कूलों के संचालन में पारदर्शिता लाने का एक बड़ा प्रयास है।

मुख्यमंत्री की पहल: सिर्फ राशि नहीं, बल्कि जन-कल्याणकारी योजनाओं में विकास

डॉ. यादव सिर्फ राशि अंतरित नहीं करेंगे। इस अवसर पर भूमि-पूजन, लोकार्पण और विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं में हितग्राहियों को सीधा लाभ देने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। इससे बच्चों की पढ़ाई आसान होगी और स्कूलों के विकास के लिए जरूरी संसाधन सीधे स्कूलों तक पहुंचेगा।

2011-12 से अब तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम का प्रभाव

प्रदेश में इस अधिनियम के लागू होने के बाद अब तक लगभग 19 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य सरकार ने अब तक 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की फीस प्रतिपूर्ति की है। इस कदम से अशासकीय स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उन्हें बेहतर शिक्षा का अवसर मिल रहा है।

क्यों है यह योजना मिस्ट्री और खास?

  • राशि सीधे बैंक खाते में आएगी, यानी दखलंदाजी या भ्रष्टाचार का कोई मौका नहीं।
  • यह योजना प्रदेश में शिक्षा के अधिकार को और मजबूत करेगी।
  • गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का सपना हकीकत में बदलेगा।

सरल शब्दों में समझें: क्यों है यह इतना खास

  • 20 हजार से अधिक अशासकीय स्कूलों को सीधा लाभ
  • 8 लाख से ज्यादा बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति
  • वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा
  • स्कूलों के विकास और बच्चों के कल्याण के लिए राशि का वितरण
  • राज्य सरकार द्वारा अब तक 3,000 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति

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