
bhopal 90 degree bridge : भोपाल के ऐशबाग रेलवे क्रासिंग पर बना 90 डिग्री एंगल वाला आरओबी ब्रिज निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही पर चर्चा में बना हुआ है। इतना ही नहीं मामला जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंचा तो तत्काल एक्शन लेते हुए सीएम ने पुल की डिजाइन बनाने वाले 8 जिम्मेदार अफसरों और इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है।
सीएम मोहन यादव ने ब्रिज बनाने वाले पीडब्ल्यूडी के दो चीफ इंजीनियर्स समेत कुल सात इंजीनियर्स को सस्पेंड किया है। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में गलत डिज़ाइन बनाने वाली निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। एमपी सरकार ने इस बड़ी लापरवाही पर सख्त एक्शन लिया है।
बता दें कि ब्रिज के एक सिरे की ओर यू शेप का टर्न दिया गया है। तो वहीं दूसरे सिरे की तरफ लगभग 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया बनाया है। जिसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अपनी रिपोर्ट में ब्रिज पर 30-35 प्रति किमी स्पीड को खतरनाक बताया है। यानि अगर इससे अधिक स्पीड में वाहन यहां से निकलेंगे तो हादसे होने की आशंका है। सोशल मीडिाय पर इस डिजाइन पर यूजर मीम्स और मजेदार कमेंट्स कर रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि 90 डिग्री के एंगल से मोड़ पर वाहन कैसे टर्न करेंगे। कोई गाड़ी स्पीड में आई तो वह ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकरा सकते हैं। इतना ही नहीं ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति जताई थी लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने इसे ठीक बताया। जब मामला मीडिया में पहुंचा तो अब सीएम ने इसकी इसे रिडिजाइन करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार रात एक्स पर लिखा-ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिये थे। जाँच रिपोर्ट के आधार पर लो.नि.वि. के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जाँच की जायेगी। इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाईन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाईन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गयी है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।
ऐशबाग रेलवे क्रासिंग पर बने 90 डिग्री एंगल वाले आरओबी का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू था। जिसका निर्माण अगस्त 2024 में पूरा होना था। लेकिन काम में लापरवाही और धीमी गति के चलते प्रोजेक्ट एक साल देरी से चल रहा है। जून 2025 में भी यह बनकर तैयार नहीं हुआ है, अभी भी इसकी प्रक्रिया जारी है। इस आरओबी की कुल लागत 17 करोड़ 37 लाख बताई गई है।
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