
Clean Plant Project: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार 3 जून को पुणे के कृषि महाविद्यालय में पहले अंतर्राष्ट्रीय कृषि हैकाथॉन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा- किसानों को रोगमुक्त पौधे मिलें, इसके लिए हम जल्द ही ‘क्लीन प्लांट’ प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं। इसके तहत 300 करोड़ रुपए की लागत से देशभर में 9 ‘क्लीन प्लांट’ स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 3 प्लांट महाराष्ट्र के पुणे, नागपुर और सोलापुर में लगेंगे।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत अब तक मैं जितने राज्यों में गया हूं और किसानों से बातचीत की है, उनमें सबसे ज्यादा दिक्कतें बागवानी क्षेत्र से जुड़ी हैं। किसानों को जो पौधा उपलब्ध होता है वो क्लीन है या नहीं, रोगमुक्त है या नहीं, इसके बारे में उन्हें पता नहीं होता। ऐसे में किसानों को रोगमुक्त पौधे मिलें, ये सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए हम जल्द ही ‘क्लीन प्लांट’ प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- महाराष्ट्र बागवानी का बड़ा क्षेत्र है, इसलिए 9 में से 3 ‘क्लीन प्लांट’ महाराष्ट्र में स्थापित होंगे। अंगूर की बागवानी के लिए पुणे से ‘क्लीन प्लांट’ की शुरुआत होगी। संतरे के लिए ‘क्लीन प्लांट’की शुरुआत नागपुर से होगी और अनार के लिए ‘क्लीन प्लांट’ सोलापुर से शुरू होगा। इन तीनों प्लांटों को बनाने के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके साथ-साथ आधुनिकतम नर्सरी का भी निर्माण किया जाएगा। यह नर्सरी आधुनिक तकनीक के साथ काम करने वालों को ही दी जाएगी।
कृषि मंत्री चौहान ने कहा- बड़ी नर्सरी के लिए 3 करोड़ और मध्यम आकार वाली नर्सरी के लिए 1.5 करोड़ की सहायता राशि का प्रावधान होगा। इस पहल से हर साल हमारे किसानों को 8 करोड़ क्लीन प्लांट उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस ‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के बाद महाराष्ट्र का बागवानी क्षेत्र पूरी दुनिया को टक्कर देगा। इस कार्यक्रम में इजराइल, नीदरलैंडजैसे देशों के भी सफल प्रयोगों की मदद ली गई है।
कृषि मंत्री ने कहा- किसानों की खेती को फायदे में बदलने के लिए 6 उपाय जरूरी हैं। प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना होगा, उत्पादन की लागत कम करनी होगी, उत्पादन के सही दाम सुनिश्चित करना, नुकसान की स्थिति में भरपाई की व्यवस्था और विविधिकरण जैसे उपायों के लिए हमें काम करना होगा।
चौहान ने कहा- ‘लैब को लैंड’ से जोड़ने के लिए ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमने तय किया कि वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं से निकलकर गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करें और रिसर्च की सही जानकारी उन तक पहुंचाएं। कृषि विभागों से जुड़े सभी लोग और किसान मिलकर साथ काम करें तो चमत्कार हो सकता है।
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