10वीं पास ड्राइवर अशफाक चूनावाला की कहानी, जानें कैसे 1500 रु. तनख्वाह पाने वाला मंथ में कमाने लगा 36 करोड़

मुंबई में रहने वाले अशफाक चूनावाला कभी 1500 रुपए महीने की सैलरी पर काम करते थे। आज उनके पास 400 कारों का बेड़ा है। उन्हें हर साल 36 करोड़ रुपए की आमदनी होती है।

 

मुंबई। सपनों की नगरी कही जाने वाली मुंबई में रहने वाले अशफाक चूनावाला की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। उनका जीवन इस बात का सबूत है कि हिम्मत, दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और पैसे से जुड़े अनुशासन से जिंदगी बदली जा सकती है।

परिवार की मदद करने के लिए अशफाक ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। 2004 से वह काम करने लगे। पहली नौकरी एक रिटेल स्टोर में मिली। हर महीने 1500 रुपए पगार मिलता था। आज उनकी सालाना आमदनी 36 करोड़ रुपए है। वह 400 कैब के मालिक हैं। 37 साल के अशफाक जल्द ही अपने बेड़े को 500 कैब तक बढ़ाना चाहते हैं।

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अशफाक ने करीब 10 साल तक बेहतर अवसरों की तलाश में कई नौकरी बदली। आखिर में वह एक कपड़ा और स्किनकेयर स्टोर के मैनेजर बने। उनके अंदर अभी भी यह जुनून था कि कुछ बड़ा करना है। इसके लिए कई कोशिशें की, लेकिन सफल नहीं हुए। उलटा कर्ज में डूब गए।

2013 से बदली अशफाक की किस्मत

2013 से किस्मत उनपर मेहरबान होना शुरू हुई। उनकी नजर एक नए लॉन्च किए गए राइड-हेलिंग ऐप के विज्ञापन पर पड़ी। यह ऐप तेजी से लोकप्रिय हो रहा था। इसमें दूसरा काम करते हुए भी ड्राइवर के रूप में काम कर अधिक आमदनी पाने का अवसर था। वह पार्ट टाइम ड्राइवर के रूप में प्लेटफॉर्म से जुड़ गए। बाद में उन्होंने कंपनी के खास प्रोग्राम के तहत एक छोटी और सस्ती कार खरीद ली। वह उसे चलाने लगे, इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अशफाक ने शुरू में अपनी दोनों नौकरियों में संतुलन बनाए रखा। वह सुबह 7 बजे से कुछ घंटों के लिए गाड़ी चलाते थे। इसके बाद स्टोर पर जाते और रात में कुछ समय के लिए फिर से गाड़ी चलाते थे। उन्होंने स्टोर से 35,000 रुपए और ड्राइवर के तौर पर 15,000 रुपये महीने कमाए। इस दौरान पैसे बचाने पर ध्यान दिया।

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उन्हें अपनी बहन से भी बड़ी मदद मिली। बहन ने उन्हें दूसरी कार खरीदने में मदद की। दो कार होने से अशफाक की आमदनी बढ़ी। इसके बाद बैंक लोन लेकर तीन और कारें खरीदी। सभी कारों को ड्राइवर रखकर चलवाया। इसके बाद जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती गई कारें खरीदते गए। उन्होंने इसी तरह अपने कारों के बेड़े को 400 तक पहुंचा लिया। अशफाक ने बताया है कि उनकी कारें चलाने से कई परिवारों को रोजगार मिल रहा है।

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