गालियां क्यों बैन की गईं?:
शब्द ही लोगों को दुश्मन बनाते हैं। मीठी बातें दोस्ती बढ़ाती हैं और कड़वी बातें दुश्मनी। यानी लोगों के बीच मतभेद की वजह उनके बोल ही होते हैं, ये बात महाराष्ट्र के अहल्यानगर ज़िले के सौंदल गाँव वालों ने समझी।
हमारा अच्छा व्यवहार ही अगली पीढ़ी को विरासत में मिलेगा... उनके अच्छे के लिए हमें भी संस्कारी होना होगा, ऐसा इस गाँव के लोगों ने सोचा। गालियों से महिलाओं का सम्मान तो कम होता ही है, बच्चे भी ये शब्द सीखकर बिगड़ जाते हैं। कई बुराइयों की जड़ गाली-गलौज ही होती है। इसलिए गाँव वालों ने गालियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी।
मज़ाक में ही नहीं, झगड़े के दौरान भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल इस गाँव में मना है। सिर्फ़ बड़े-बुज़ुर्गों ने ही नहीं, बल्कि ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करके गालियों पर रोक लगाई गई है। गाँव के सभी लोग एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहें, इसीलिए गालियों पर बैन लगाया गया है।