मालेगांव ब्लास्ट: 17 साल बाद NIA स्पेशल कोर्ट आज सुना सकता है फैसला, क्या बरी होंगी साध्वी प्रज्ञा?

Published : Jul 31, 2025, 09:30 AM ISTUpdated : Jul 31, 2025, 09:38 AM IST
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सार

Breaking: 2008 मालेगांव धमाके पर आज आ सकता है फैसला! 16 साल से लंबित केस में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत 7 आरोपी रडार पर हैं। विस्फोट में 6 की मौत, 100 घायल। स्पेशल NIA कोर्ट के फैसले पर टिकी है राजनीतिक और सामाजिक नजरें। 

Malegaon Blast Verdict 2025: महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए सिलसिलेवार धमाकों के केस में आज का दिन ऐतिहासिक हो सकता है। एनआईए की विशेष अदालत इस बहुचर्चित आतंकवादी घटना पर 31 जुलाई 2025 को अपना फैसला सुना सकती है। इस केस में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, और मेजर रमेश उपाध्याय समेत कुल सात आरोपी हैं। इस पर अप्रैल में ही एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया था।

कब और क्या हुआ था मालेगांव में? 

29 सितंबर 2008 की शाम महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक धमाका हुआ था। यह धमाका उस समय हुआ जब लोग रमजान के दौरान नमाज के बाद घर लौट रहे थे। धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मौके से एक LML फ्रीडम बाइक बरामद हुई थी, जिसमें विस्फोटक लगाया गया था। जांच में बाइक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर पंजीकृत पाई गई थी, जिसके बाद उन्हें आरोपी बनाया गया।

कौन हैं सात प्रमुख आरोपी?

  1. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर- पूर्व बीजेपी सांसद, भोपाल (Sadhvi Pragya Singh Thakur Case)
  2. लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित-पूर्व सैन्य अधिकारी
  3. मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड)
  4. अजय राहिरकर-हिन्दू संगठन से जुड़े
  5. सुधाकर चतुर्वेदी-सांस्कृतिक कार्यकर्ता
  6. सुधाकर द्विवेदी-धार्मिक प्रचारक
  7. समीर कुलकर्णी -हिन्दू जागरण से जुड़े

NIA Court Decision Malegaon Case: किस धाराओं में चला केस? 

NIA ने आरोपियों पर निम्न धाराएं लगाईं:

  1. UAPA (Unlawful Activities Prevention Act)
  2. IPC 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश), 120B (षड्यंत्र)
  3. धमाकों से संबंधित Explosive Substances Act की धाराएं

फैसले से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मुंबई की स्पेशल एनआईए कोर्ट और मालेगांव दोनों जगह सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मुंबई कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। मालेगांव में भी कानून-व्यवस्था के मद्देनज़र अलर्ट जारी है। चूंकि एक सांसद और पूर्व सैन्य अधिकारी आरोपी हैं, फैसला सिर्फ न्यायिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भूचाल भी ला सकता है।

 

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