मीरा रोड मर्डर केस: असहनीय बदबू आने पर पड़ोसी जब फ्लैट का दरवाजा खटखटाया तो कांप रहा था हत्यारा, लाल-लाल आंखें देखकर...

सोमेश श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे पहली बार वह बदबू आने पर वहां पहुंचे तो किलर की लाल-लाल आंखें ही उनको सिर्फ दिखी। हालांकि, उसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था लेकिन वह सामान्य होने की कोशिश लगातार करता रहा। आईए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी...

Dheerendra Gopal | Published : Jun 9, 2023 11:56 AM IST / Updated: Jun 09 2023, 05:33 PM IST

Mira road murder case: मुंबई की 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य की दर्दनाक तरीके से हत्या करने वाले साइको लिव-इन पार्टनर मनोज साने को पकड़वाने वाले उसके पड़ोसी ने पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से बताई है। शक के आधार पर सोसाइटी के लोगों को सूचना देने से लेकर उसे पकड़वाने में पुलिस की मदद करने वाले सोमेश श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे पहली बार वह बदबू आने पर वहां पहुंचे तो किलर की लाल-लाल आंखें ही उनको सिर्फ दिखी। हालांकि, उसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था लेकिन वह सामान्य होने की कोशिश लगातार करता रहा। आईए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी...

मीरा रोड पर स्थित अपार्टमेंट में साइको किलर मनोज साने के पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में बताया कि पहली बार मनोज के फ्लैट की ओर से सोमवार को बेहद बदबूदार गंध आ रहा था। हमने सोचा कि सोसाइटी में कहीं चूहा मर गया होगा और इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि बुधवार को जब वह दोपहर के भोजन के लिए घर आए तो बदबू असहनीय थी। तब शक हुआ कि कुछ गड़बड़ तो है। अगर किसी के घर में कोई जानवर मर जाता तो वे देखते और तीन दिनों में जरूर उसे साफ कर दिए होते।

साने के फ्लैट का दरवाजा खटखटाया लेकिन...

सोमेश ने बताया कि असहनीय बदबू की वजह से जब रहा नहीं गया तो वह सीधे साने के फ्लैट के पास पहुंचे। बदबू वहीं से आ रही थी तो उन्होंने उस फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। यह बुधवार का दिन था। शुरुआत में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। जब मैंने 5-10 मिनट के बाद फिर से दस्तक दी तो अंदर से घर में एयर फ्रेशनर के स्प्रे करने की आवाज आ रही थी। आवाज काफी तेज थी। शायद वह पूरे कमरों में फ्रेशनर स्प्रे कर गंध को रोकने की कोशिश कर रहा हो। हालांकि, वह दुबारा पहुंचे तो करीब दस मिनट तक दरवाजा खटखटाते रहे लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया।

जब बात हुई तो साने कांप रहे थे और उनकी आंखें बिल्कुल लाल थी...

काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद साने निकले तो सोमेश श्रीवास्तव ने उनसे बदबू के बारे में बात की। सोमेश बताते हैं कि वह उस वक्त कांप रहे थे और उनकी आंखें लाल-लाल हो चुकी थीं। वह हेलमेट पहने हुए थे और मास्क लगाए हुए थे इसलिए सिर्फ आंखें ही देख पा रहा था। वह तत्काल सोसाइटी से बाहर निकल गया। उसके जाते ही सोमेश ने बिल्डिंग सेक्रेटरी को फोन किया।

सेक्रेटरी ने पुलिस बुलाया और मनोज साने की फ्लैट की तलाशी हुई तो....

सोमेश श्रीवास्तव ने सोसाइटी के सेक्रेटरी से पूरी बात बताई तो उन्होंने बिना देर किए पुलिस को बुला लिया। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में फ्लैट का ताला तोड़ा गया। अंदर सभी दाखिल हुए। पहले शक के आधार पर सभी बेडरूम में डेड बॉडी खोजने पहुंचे। बिस्तर पर एक काली प्लास्टिक बिछी थी लेकिन कोई लाश नहीं मिली। बेड के बगल में पेड़ काटने वाली आरी थी। दूसरे बेडरूम व वॉशरूम में भी कुछ नहीं मिला। लेकिन जैसे ही सभी लोग किचेन में पहुंचे, बदबू और वहां का सीन देखकर कई लोग गश खाकर गिरते-गिरते बचे। किचेन की बाल्टी में शरीर के अंग थे। वहां हड्डियां, खून और मांस के लोथडे़ थे। स्थितियां इतनी भयावह थी कि बयां करना मुश्किल था। पुलिस ने तत्काल शव के टुकड़ों को कब्जे में ले लिया।

लिव-इन पार्टनगर के हत्यारे मनोज साने को पकड़ने का प्लान बनाया पुलिस ने

लिव-इन पार्टनगर सरस्वती वैद्य की बेहद निर्मम हत्या करके मनोज साने आराम से कहीं बाहर था। पुलिस को डर था कि वह भाग न जाए। सोमेश श्रीवास्तव बताते हैं कि सबसे पहले फ्लैट के रियल एस्टेट एजेंट को बुलाया गया। पुलिस ने उससे सारी जानकारी ली। रेंट एग्रीमेंट भी देखी। पुलिस ने हत्यारे मनोज साने को पकड़ने का प्लान बनाया। मौजूद सारे लोगों को इस घटना के बारे में अभी किसी को कुछ न बताने का आग्रह किया और सबको सामान्य रहने को कहा। मनोज साने करीब एक घंटा से बाहर था। सोसाइटी के आसपास से पुलिस ने अपनी गाड़ियां दूसरी जगह करवा दिए। पुलिस की बाइक्स भी दूसरी जगह लगा दिए गए। सबकुछ सामान्य स्थिति बहाल करने जैसा कर दिया गया।

हत्यारा साने करीब साढ़े आठ बजे फ्लैट पहुंचा

पुलिस शाम सात बजे से ही सोसाइटी में डेरा डाले हुए थी। मनोज साने करीब साढ़े आठ बजे फ्लैट पर लौटा। सोमेश श्रीवास्तव बताते हैं कि मनोज साने लिफ्ट का इस्तेमाल कर ऊपर आया। लेकिन पुलिस को देखते ही डर गया। सीढ़ियों से भाग नहीं सकता था। सो, जल्दी से लिफ्ट में फिर दाखिल हुआ। हालांकि, एक कांस्टेबल पहले से ही लिफ्ट में ही था। एजेंट ने मनोज साने की पहचान करते हुए इशारा कर दिया। नीचे उतरते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।

लिव-इन पार्टनर की हत्या कर शव के टुकड़ों को खिलाता था कुत्तों को...

सरस्वती वैद्य (32) मनोज साने के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी। कपल मीरा रोड(ईस्ट) स्थित आकाशदीप बिल्डिंग के 7 फ्लोर पर फ्लैट नंबर 704 में पिछले एक साल से रह रहे थे। सरस्वती अनाथ थी। मनोज से उसका परिचय एक राशन की दूकान पर हुआ था। इसके बाद से दोनों में प्रगाढ़ संबंध हुए और फिर दोनों साथ ही रह रहे थे। 4 जून को किन्हीं अज्ञात वजहों से मनोज ने उसकी हत्या कर शव को टुकड़ों में काट दिया। किसी को हत्या का पता न चले इसलिए शव को कुकर में उबालकर वह रोज कुत्तों को उसे खिलाता था। हालांकि, तीन दिन बाद फ्लैट से असहनीय बदबू बाहर आने के बाद पड़ोसी सोमेश श्रीवास्तव को शक हुआ। उन्होंने बदबू से परेशान होकर पहले मनोज साने से बात करने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब होने के बाद सोसाइटी के सेक्रेटरी को इत्तला किया और फिर पुलिस आई तो तलाशी के बाद सारा मामला सामने आ गया। साइको किलर मनोज साने को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।

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