16 साल की रेप विक्टिम बेटी को SSC एग्जाम के बीच पुलिस ने थाने के इतने चक्कर कटवाए, हर काम के पैसे मांगे कि मां रो ही पड़ी

यहां एक 16 साल की छात्रा के साथ टीचर द्वारा रेप करने और फिर एग्जाम के बीच पीड़िता को बार-बार थाने बुलाने का मामला मीडिया की सुर्खियों में है। पीड़िता की मां का आरोप है कि केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। 

Amitabh Budholiya | Published : Mar 20, 2023 4:47 AM IST / Updated: Mar 20 2023, 10:20 AM IST

मुंबई. यहां एक 16 साल की छात्रा के साथ टीचर द्वारा रेप करने और फिर एग्जाम के बीच पीड़िता को बार-बार थाने बुलाने का मामला मीडिया की सुर्खियों में है। पीड़िता की मां का आरोप है कि केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने FIR दर्ज करने में भी उसे परेशान किया।

1.16 वर्षीय रेप विक्टिम अपने माता-पिता के साथ जोगेश्वरी में रहती है। इस घटना के बावजूद वो खुद को संभालते हुए इस समय SSC का एग्जाम दे रही है।

2. पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी को कथित तौर पर नालासोपारा पुलिस स्टेशन में कई बार बुलाया गया था। इस मामले में इसी थाने में FIR दर्ज की गई थी। वह भी तब, जब पीड़िता एसएससी परीक्षा दे रही थी।

3. पीड़िता की मां ने कहा पुलिस के रवैये से उसकी बेटी डरी हुई है। मां ने यह आरोप भी लगाया है कि गिरफ्तार आरोपी के नालासोपारा में रहने वाले रिश्तेदार केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

4. पीड़िता की मां ने पीड़ा जताई कि उनके लिए बार-बार जोगेश्वरी से नालासोपारा में थाने तक जाना संभव नहीं है। उसकी बेटी को इस समय परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।

5. पीड़िता की मां ने कहा कि वह नालासोपारा जाने से डरती है, क्योंकि वहां रहने वाले आरोपी के रिश्तेदार उस पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

6.सर्वाइवर के साथ उसके स्कूल के ही टीचर संजय मुरलीधर घुघे ने कथित तौर पर रेप किया था। घटना के अनुसार, 14 मार्च को पीड़िता के पीने के पानी के गिलास में नशे की दवा मिला दी गई थी। जब वह ट्यूशन के लिए नालासोपारा में उसके घर गई थी।

7.पीड़िता ने कहा-“जब मैं उसके(टीचर) घर पहुंची, तो मैंने एक गिलास पीने का पानी मांगा। पानी पीने के कुछ मिनट बाद मैं बेहोश हो गई। जब मैं उठी, तो मुझे पेट में दर्द हो रहा था। योनि में चोट थी।"

8.लड़की की मां ने आरोप लगाया है कि जब पीड़िता एसएससी परीक्षा देने गई थी, तब नालासोपारा पुलिस ने उसे फोन करके बुलाया।

9. जब पीड़िता उस दिन देर से घर पहुंची, तो उसकी मां ने इस बारे में पूछताछ की। तब लड़की चुप रही। मां ने उसके पास एक सेलफोन देखा तो उसने उससे इसके बारे में पूछा। लड़की को यह सेलफोन उसके एक दोस्त ने गिफ्ट किया था। तब मां ने सेलफोन लेकर उसे चेक किया।

10. मां ने कहा-“उसके पिता और मैंने देखा कि एक टीचर ने उसे अश्लील मैसेज भेजे थे। जब मैंने उससे इसके बारे में पूछा, तो उसने हमें कुछ नहीं बताया।”

11. पीड़िता की मां ने कहा-“हम जोगेश्वरी पुलिस स्टेशन गए। मेरी बेटी ने जोगेश्वरी पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन उन्होंने हमें घुघे के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए वनराई पुलिस स्टेशन जाने को कहा।"

12.वनराई पुलिस ने माता-पिता को बताया कि उनकी बेटी के साथ नालासोपारा में रेप हुआ था, इसलिए उनके यहां FIR दर्ज नहीं की जा सकती। इसके बाद मां पीड़िता को लेकर नालासोपारा पुलिस पहुंची और 16 मार्च की देर रात आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत घुघे के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

13. पीड़िता की मां ने कहा कि तब से हर दिन नालासोपारा पुलिस हमें बयान दर्ज करने और उसका मेडिकल टेस्ट कराने के लिए बुलाती रही। हम जोगेश्वरी में रहते हैं और हमारे लिए नालासोपारा जाना संभव नहीं है, क्योंकि मेरा पूरा दिन पुलिस की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए इंतजार करने में बर्बाद हो जाता है।

14. मां ने कहा कि इस भयानक घटना के बाद से वह पहले से ही डरी हुई है। आखिरकार लड़की का बयान दर्ज किया गया और 18 मार्च को मेडिकल टेस्ट किया गया।

15.लड़की की मां ने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने पीड़िता के मेडिकल टेस्ट के लिए उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए पैसे की भी मांग की।

16. मां ने कहा-“पुलिस ने मुझसे कहा कि मुझे यात्रा का खर्च उठाना होगा। मुझे टेस्ट किट, दस्ताने और अन्य मेडिकल किट खरीदने के लिए भी कहा गया, ताकि सरकारी अस्पताल में टेस्ट किए जा सकें। मैंने तब पैसे दिए,लेकिन बाद में मैंने इसकी शिकायत नालासोपारा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर विलास सुपे से की, तब मेरे पैसे लौटा दिए गए।”

17. मिड डे ने इस संबंध में एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की एक सीनियर एडवोकेट आभा सिंह के हवाले से कहा गया पुलिस को रेप विक्टिम का बयान लेने उसे जोगेश्वरी से नालासोपारा थाने तक आने के लिए कहने के बजाय खुद वहां जाना चाहिए।

18. सीनियर एडवोकेट ने तर्क दिया कि अगर रेप पीड़िता अपना बयान देने में सहज नहीं है, तो जांच अधिकारी को उसे रिकॉर्ड करने के लिए किसी NGO की हेल्प लेनी चाहिए।

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