विपक्षी एकता में अडानी की एंट्री! सकते में विपक्ष, शरद पवार के इस इंटरव्यू से मची खलबली

Published : Apr 08, 2023, 12:38 PM ISTUpdated : Apr 08, 2023, 12:42 PM IST
mumbai news big question on opposition unity  after ncp leader sharad pawar said no jpc demand

सार

लोकसभा चुनाव से पहले देश की सियासत दिलचस्प मोड़ लेती नजर आ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिस मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार घेर रहे हैं, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के एक इंटरव्यू ने उस मुद्दे की हवा निकाल कर रख दी है।

मुंबई। लोकसभा चुनाव से पहले देश की सियासत दिलचस्प मोड़ लेती नजर आ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिस मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार घेर रहे हैं, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के एक इंटरव्यू ने उस मुद्दे की हवा निकाल कर रख दी है। पूरा विपक्ष सकते में है। पवार का दिया गया बयान विपक्षी एकता के लिए झटका माना जा रहा है, जबकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद विपक्ष एक सुर में सरकार पर हमला कर रहा था। यही वजह है कि अब विपक्षी एकजुटता पर नये सिरे से चर्चा शुरु हो गई है।

शरद पवार ने कहा-हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को विपक्ष ने जरुरत से ज्यादा अहमियत दी

एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में शरद पवार ने साफ किया अडानी मामले की जांच जेपीसी के बजाए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से ही करवाई जानी चाहिए। इंटरव्यू में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि विपक्ष ने इसे जरूरत से ज्यादा अहमियत दी। हिंडनबर्ग का नाम हमने सुना नहीं, इस कम्पनी के बारे में किसी को ज्यादा पता नहीं है।

पूरा विपक्ष एक तरफ शरद पवार एक तरफ

राहुल गांधी उद्यमी गौतम अडानी पर सड़क से लेकर सदन तक लगातार हमलावर हैं। अडानी को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद सरकार पर हमले और तेज हुए। विपक्ष इस मामले की जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा रहा। लोकसभा में भी बजट सत्र के दौरान उद्यमी गौतम अडानी को लेकर आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने भी तीखे तीर छोड़ें। ताजा मामले में एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में शरद पवार ने खुद को अडानी मामले की जेपीसी मांग से अलग कर लिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि पूरा विपक्ष एक तरफ और शरद पवार एक तरफ दिख रहे हैं।

गड़बड़ाता दिख रहा है पूरा समीकरण

विपक्षी खेमे में शरद पवार को पावरफुल लीडर माना जाता है। पवार ही कुछ साल पहले महाराष्ट्र में विपरीत विचारधाराओं वाले दलों शिवसेना और कांग्रेस को साथ लाएं और मिलकर सरकार बनाई। यही कारण है कि उम्मीद जताई जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी दल की एकजुटता को मजबूत करने में अहम 'रोल' निभाएंगे। पर ऐसा होने से पहले ही पूरा समीकरण गड़बड़ाता दिख रहा है।

जगी थी यह आस

जनवरी महीने में अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद सियासी गलियारों में हंगामा मच गया था। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया था। तब कहा जा रहा था कि मुद्दे की कमी की वजह से बिखरी विपक्षी एकता, शायद इसी वजह से एकजुट हो जाए। विपक्ष को भी बैठे बिठाए इस मुद्दे के जरिए आम जनता तक पहुंचने का हथियार मिल गया था। विपक्षी नेताओं ने बैंको समेत अन्य फाइनेंसियल संस्थाओं के पैसों को अडानी की कम्पनियों में निवेश का आरोप लगाया था। पर अब चर्चा है कि शरद पवार के बदले रूख ने सब मटियामेट कर दिया।

विपक्ष का रूख भी समझिए

शरद पवार के इंटरव्यू के बाद अब विपक्षी दलों में हलचल है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का ट्वीट यही कहता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अडानी के स्वामित्व वाले चैनल ने इंटरव्यू लिया और बताया कि कैसे उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस इसे शरद पवार का निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ रही है। साथ ही यह भी कह रही है कि एनसीपी सहित 20 समान विचारधारा वाले दल एकजुट हैं। अब आगे क्या होगा, आने वाले समय में साफ हो सकेगा।

PREV

मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Painful True Story: वायरल मीम बने लड़के राजेंद्र पंचाल की फोटो के पीछे है दर्दभरी कहानी
Horrible Accident in Nasik: 800 फीट गहरी खाई में गिरी Innova, परिवार के 6 लोगों की मौत