मोहन भागवत का बड़ा बयान: कहा-पंडितों ने बनायी जाति-वर्ण...भगवान ने नहीं, यह गलत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरे लोगों ने उठाया। इसकी वजह से देश पर आक्रमण हुए। भगवान ने जाति नहीं बनाई है, पंडितों ने जाति बनाई, जो गलत है। हम सभी के लिए भगवान एक हैं।

Contributor Asianet | Published : Feb 6, 2023 3:27 AM IST / Updated: Feb 06 2023, 09:00 AM IST

मुम्बई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद पर करारा प्रहार करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरे लोगों ने उठाया। इसकी वजह से देश पर आक्रमण हुए। इसका फायदा बाहर से आए लोगों ने उठाया। भगवान ने जाति नहीं बनाई है, पंडितों ने जाति बनाई, जो गलत है। हम सभी के लिए भगवान एक हैं। मुंबई में संत रोहिदास की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने यह बयान दिया।

कोई ब्राहमण आपको यह नहीं बताने वाला

संघ प्रमुख ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या देश मे हिंदू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है? चेतना या विवेक सब एक हैं, उनमें कोई अंतर नहीं है। बस सबके मत अलग-अलग हैं। कोई ब्राहमण यह बात आपको नहीं बताने वाला। खुद उसे आपको समझना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आजीविका का मतलब जिम्मेदारी भी होती है, समाज के प्रति।

सिर्फ अपने बारे में सोचना व पेट भरना धर्म नहीं

भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि उन्हें संत रोहिदास जयंती पर बोलने का मौका मिला। संत रोहिदास ने कहा था कि समाज की प्रगति के लिए काम करना ही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना व पेट भरना धर्म नहीं है। कर्म को धर्म के अनुसार करो। समाज जोड़ने का काम करो। इसी वजह से समाज के बड़े-बड़े लोग उनके भक्त बन गए।

धर्म कभी मत छोड़िए

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संत रोहिदास - तुलसीदास, कबीर और सूरदास से ऊंचे थे... इसी वजह से वह संत शिरोमणि कहलाए। वह शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले ही न जीत सके हों, पर उन्होंने लोगों के मन को छूया और विश्वास दिलाया कि भगवान हैं। 'सत्य, करुणा, सतत परिश्रम, अंतर पवित्र व चेष्टा का मंत्र समाज को संत रोहिदास ने दिया। धर्म किसी भी हाल में मत छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने बुद्धजीवी हुए। उनका कहने का तरीका अलग-अलग रहा हो, पर मकसद हमेशा एक था-धर्म से जुड़े रहिए।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को लिखा था पत्र

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने काशी का मंदिर टूटने के बाद औरंगजेब को पत्र लिखकर कहा था कि एक ही ईश्वर के बच्चे हिंदू-मुसलमान हैं। एक के ऊपर आपके राज में अत्याचार हो रहा है, वह गलत है। आपका कर्तव्य सब का सम्मान करना है। अगर यह नहीं थमा, तो तलवार से इसका जवाब दूंगा।

द्वेष की नजरों से समाज व धर्म को मत देखो

समाज व धर्म को द्वेष की नजरों से मत देखो। गुनी बनो व धर्म का पालन करो। बेरोजगारी बढ़ रही है, क्योंकि लोग काम में भी छोटा - बड़ा देखते हैं, जबकि संत रोहिदास कहते थे कि लगातार कोशिश करते रहो। समाज एक दिन अवश्य बदलेगा। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है।

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