
pizza delivery dispute Mumbai: मुंबई के भांडुप इलाके में सोमवार को एक मामूली पिज्जा डिलीवरी का मामला उस वक्त तूल पकड़ गया, जब एक दंपत्ति ने डिलीवरी एजेंट से मराठी में बात करने की ज़िद पकड़ ली। पिज्जा के साथ-साथ अब डिलीवरी करने वाले की भाषा भी “डिलीवर” होनी चाहिए, यही संदेश दिया गया उस दंपत्ति की ओर से, जिन्होंने स्पष्ट रूप से यह शर्त ऑर्डर करते समय नहीं बताई थी।
डोमिनोज़ पिज्जा से जुड़ा यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी गरमा गया है, जहां डिलीवरी बॉय रोहित लावेरे ने पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया।
भांडुप निवासी दंपत्ति ने जब रोहित को पिज्जा लेने के बाद दरवाज़े पर रोका और कहा कि “यहां मराठी बोलना ज़रूरी है”, तो रोहित ने चौंकते हुए पूछा “जबरदस्ती है मराठी बोलने का? पर क्यों?” इस पर महिला ने कहा “हां, यहां ऐसा ही है।”
जब रोहित ने सवाल किया “कौन बोला ऐसा?” तो महिला का जवाब था “अगर मराठी नहीं आती तो ऑर्डर नहीं करना चाहिए था।”
रोहित ने कहा कि “पैसे नहीं देने हैं तो मत दो... ठीक है।” लेकिन जब उन्होंने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाना शुरू किया, तो महिला ने विरोध करते हुए कहा ] “मेरा वीडियो मत निकालो, मैं तुम्हारा निकाल सकती हूं।”
इस पर रोहित ने गुस्से में पूछा “ये कौन सी जबरदस्ती है?” इसके बाद महिला के पति ने दरवाजा बंद करने की कोशिश की, लेकिन महिला ने खुद वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
पिज्जा सही था या नहीं यह साबित करने की चुनौती देते हुए रोहित ने कहा “अगर ऑर्डर खराब है तो दिखाओ।” लेकिन मामला वहीं पर अटक गया। अंत में रोहित को बिना भुगतान के वापस लौटना पड़ा।
डोमिनोज़ की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन यह मामला सिर्फ एक पिज्जा डिलीवरी का नहीं, बल्कि मुंबई में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद की एक और कड़ी बनता जा रहा है। स्थानीय भाषाओं के सम्मान की बात हो या राष्ट्रभाषा के अधिकारों की, ऐसे मामले सामाजिक समरसता को चुनौती देते हैं।
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