कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के परभणी में दलित युवक सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मुलाकात की, जिनकी न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। उन्होंने इस मामले में न्याय और सख्त कार्रवाई की मांग की।
परभणी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को महाराष्ट्र के परभणी में दलित व्यक्ति सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मुलाकात की, जिनकी कथित तौर पर न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। सूर्यवंशी को इस महीने की शुरुआत में जिले में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी ने दावा किया कि उस व्यक्ति की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह दलित था और परभणी में संविधान की प्रतिकृति के अपमान के मद्देनजर संविधान की रक्षा कर रहा था।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सूर्यवंशी को “मार डाला” और यह “शत प्रतिशत हिरासत में मौत” थी। पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सूर्यवंशी के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की जिन्होंने उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ-साथ कुछ तस्वीरें और वीडियो भी दिखाए।
सूर्यवंशी के परिवार से मिलने के बाद राहुल गांधी ने दावा किया, ‘युवक की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि वह दलित था और संविधान की रक्षा कर रहा था। यह शत-प्रतिशत हिरासत में मौत है। पुलिस ने उसकी हत्या की है।’ "मुख्यमंत्री ने पुलिस को संदेश देने के लिए विधानसभा में झूठ बोला। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आरएसएस की विचारधारा संविधान को मिटाने की है।"
राहुल गांधी ने मांग की कि मामले को सुलझाया जाना चाहिए और उस व्यक्ति की हत्या करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह राजनीति नहीं है, एक हत्या हुई है और कार्रवाई होनी चाहिए।" यह पूछे जाने पर कि परभणी की घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। राहुल गांधी ने कहा कि इसके लिए विचारधारा जिम्मेदार है और चूंकि मुख्यमंत्री ने बात की है, इसलिए वह भी जिम्मेदार हैं।"
बाद में राहुल गांधी ने विजय वाकोडे के परिवार से भी मुलाकात की, जिनकी हिंसा के बाद परभणी में विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई थी। राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित शहर में रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति को 10 दिसंबर की शाम को तोड़ दिए जाने के बाद परभणी में हिंसा हुई।
35 वर्षीय मृतक परभणी के शंकर नगर का निवासी था। वह हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 50 से अधिक लोगों में से एक था। सुरवंशी 15 को सीने में दर्द की शिकायत के बाद सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां पुलिस के अनुसार न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान और परभणी जिला केंद्रीय कारागार में बंद रहने के दौरान उन्हें बेचैनी महसूस हुई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परभणी हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। फडणवीस ने हाल ही में राज्य विधानसभा में कहा कि सूर्यवंशी ने मजिस्ट्रेट से कहा था कि उन्हें प्रताड़ित नहीं किया गया और सीसीटीवी फुटेज में भी क्रूरता का कोई सबूत नहीं दिखा।