
चंडीगढ़ (27 अगस्त): भारतीय समाज में गाय का विशिष्ट स्थान है। गाय से भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव भी है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जब कुछ कृत्य बहुसंख्यकों की आस्था को ठेस पहुँचाते हैं, तो शांति पर गहरा असर पड़ता है। वध के लिए राजस्थान गायों को ले जाने के आरोप में नूह निवासी आसिफ और दो अन्य पर मामला दर्ज हुआ था। उनकी अग्रिम ज़मानत रद्द करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की।
‘गाय सिर्फ़ धार्मिक जानवर नहीं, बल्कि भारत की कृषि अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है। भारतीय समाज में गाय के खास दर्जे को देखते हुए, इस अपराध के कानूनी पहलुओं के अलावा, भावनात्मक और सांस्कृतिक पहलू भी जुड़े हैं। हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में, कुछ कृत्य भले ही निजी हों, लेकिन अगर वे बड़ी आबादी की गहरी आस्था को ठेस पहुँचाते हैं, तो सामाजिक शांति पर गंभीर असर पड़ सकता है। संविधान सिर्फ़ सैद्धांतिक अधिकारों की रक्षा नहीं करता, बल्कि एक न्यायपूर्ण, सहानुभूतिपूर्ण और एकजुट समाज बनाने का प्रयास करता है’।
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