बाइक सवार चोरों द्वारा मोबाइल छीनकर ले जाने पर उनके पीछे भागती एक युवती का खौफनाक वीडियो वायरल हो गया है। आगे जो हुआ वो और भी भयानक है!
आजकल चोर किस-किस तरह से चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं, यह कहना मुश्किल है। खासकर लड़कियों के लिए रास्ते में अकेले चलना भी खतरे से खाली नहीं रह गया है। आए दिन भयानक घटनाएं सामने आती रहती हैं। खासकर मोबाइल पर बात करते हुए चलने पर तो कुछ लोग जैसे दुनिया की सुध-बुध ही खो बैठते हैं। ऐसे में बाइक सवार चोर आसानी से मोबाइल फोन छीनकर फरार हो जाते हैं। महिलाएं तो अगर गहने पहने हों तो उन पर भी हाथ साफ कर लेते हैं, कंधे पर टंगा बैग भी छीनकर ले जाते हैं। ऐसे में क्या करें कुछ समझ नहीं आता और चीखने-चिल्लाने तक ये खतरनाक अपराधी अपना काम तमाम कर फरार हो चुके होते हैं। ऐसे में कितना भी सतर्क रहें, आज के समय में मुश्किल ही है।
ऐसा ही एक खौफनाक वाकया पंजाब के जालंधर में देखने को मिला, जहां एक युवती बाइक सवार मोबाइल चोरों का पीछा करते हुए अपनी जान जोखिम में डाल देती है। बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली लक्ष्मी का यह खौफनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। मेहनत की कमाई से ख़रीदा गया सामान किसी को यूं चोरी होते देख चुपचाप बैठना आसान नहीं होता। कई बार तो ऐसे चोरी हुए सामानों से भावनात्मक जुड़ाव भी होता है। लेकिन क्या इसके लिए अपनी जान जोखिम में डाल देना सही है? कहना आसान है। उस समय विचलित मन क्या कुछ नहीं कर गुजरता, इसका जीता जागता उदाहरण यह भयानक घटना है।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो सचिन गुप्ता नाम के एक यूजर ने शेयर किया है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि युवती किस तरह बाइक के पीछे भाग रही है। उसके पीछे भाग रहे वो दरिंदे कोई और नहीं बल्कि लुटेरे थे। बाइक की स्पीड काफी तेज थी। युवती एक बार गिर भी जाती है लेकिन फिर भी बाइक को पकड़े रहती है। बेरहम लुटेरे उसे घसीटते हुए काफी दूर तक ले गए। युवती कितना भी चिल्लाई लेकिन हैवानों को जरा भी तरस नहीं आया। वह उसे सड़क पर घसीटते हुए काफी दूर तक ले गए। उसके बाद सीसीटीवी कैमरे की रेंज खत्म हो जाती है और आगे क्या हुआ यह दिखाई नहीं देता। हालांकि, खबरों के मुताबिक, युवती वहीं गिर गई और उसके बाद उसकी जान बच गई, लेकिन उसका फोन उससे छिन गया। बताया जा रहा है कि लक्ष्मी के माता-पिता ने मजदूरी करके उसे यह फोन दिलाया था।
पुलिस अक्सर कहती है कि ऐसी घटनाओं में कम से कम गाड़ी का नंबर तो नोट कर लो। लेकिन पुलिस वाले अगर चारपाई के नीचे से निकलते हैं तो ये शातिर और खतरनाक अपराधी तो रंगोली के नीचे से निकल जाते हैं। गाड़ी का नंबर बदलना तो उनके लिए पानी पीने जितना आसान है। लेकिन ऐसी घटनाओं में जान जोखिम में डालने से बेहतर है कि गाड़ी का नंबर नोट कर लिया जाए, जिससे अपराधियों को पकड़ने में थोड़ी बहुत मदद मिल सके। लेकिन अक्सर होता यह है कि जब तक कुछ समझ आता है, तब तक अपराधी फरार हो चुके होते हैं। सीसीटीवी में तस्वीरें कैद होने के बावजूद उनकी क्वालिटी, आम लोगों के मामलों में पुलिस की लापरवाही, यह सब सवालों के घेरे में ही रहता है।