
प्रयागराज के निषाद समाज ने आरोप लगाया है कि उन्हें संगम के किनारे नावें नहीं लगाने दिया जा रहा है। इसी के खिलाफ शुक्रवार को नाविकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था और त्रीवेणी पर सैकड़ों नावें खड़ी कर दी गईं थीं। निषाद समाज के लोगों का कहना था कि वो लंबे समय तक कुंभ का इंतजार करते हैं और इसके लिए खास तैयारियां करते हैं। प्रदर्शनकारी नाविकों का कहना था कि उन्होंने लोन लेकर नई नावें खरीदी हैं लेकिन इन नावों को संगम स्थल से ना चलाए दिए जाने से उन्हें नुकसान होगा और वो कर्ज भी नहीं चुका पाएंगे।
जब अखिलेश यादव से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “नाविकों की मदद होनी चाहिए, नाविक लोग इसी समय की तैयारी करते हैं, कई बार वो उधार लेकर नाव ठीक करते हैं, नाव बनाते हैं, नाव ठीक करते हैं। यदि इसी समय पर उन्हें अनुमति नहीं मिलेगी तो सोचिए उन पर कितना संकट आ जाएगा।” अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार की ये जिम्मेदारी बनती है कि निषाद समाज के लोगों को फ्री नाव दें। अगर ये सरकार नहीं देती है तो जब जमाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी, जिस तरह छात्रों को मुफ्त लैपटाप दिया गया था उसी तरह नाविकों को मुफ्त नाव दी जाएगी।”
प्रयागराज में कश्ती चलाने वालों ने प्रदर्शन करते हुए घाटों के बीच नाव लगाकर रास्ता रोक दिया था। नाविकों ने प्रदर्शन भी किया था। मीडिया से बात करते हुए नाविकों ने कहा- नाव चलाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है। महाकुंभ के दौरान हमें यहां से नाव नहीं चलाने दी जा रही है। प्रदर्शनकारी नाविकों का आरोप है कि प्रशासन ने उनसे दस किलोमीटर दूर से नाव चलाने के लिए कहा है। प्रदर्शनकारी नाविकों का दावा है कि करीब सात हजार नाविक प्रशासन की सख्ती से प्रभावित है।नाविकों का दावा है कि प्रशासन ने उनसे मेला क्षेत्र से दूर नाव चलाने के लिए कहा है। एक नाविक ने मीडिया से बात करते हुए कहा- हम बारह साल से इस मौके का इंतजार कर रहे थे, हम प्रशासन हमसे कह रहा है कि घाटों से दूर नाव चलाओ, हम कहां जाएं?
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