
Allahabad High Court live-in case: यूपी के संभल में धर्म की आड़ में प्यार को नफरत से कुचलने की कोशिशों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाकाम कर दिया। कोर्ट ने न सिर्फ प्रेमी जोड़े को पुलिस सुरक्षा दिया बल्कि यह फैसला सुनाया कि व्यस्त चाहे शादीशुदा होया नहीं, साथ रहने का उनको अधिकार है।
दरअसल, यह कहानी संभल जिले की है जहां दो प्रेमियों के प्यार ने धर्म की दीवारें लांघीं और एक अलग दुनिया बसाने के लिए समाज से बगावत कर दी। लेकिन समाज की संकीर्ण सोच ने इस रिश्ते को बार-बार चुनौती दी। बीते दिनों यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। एक नाबालिग बच्ची ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी मां की जान बचाने की गुहार लगायी।
नाबालिग बिटिया की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसकी मां के पति की मौत काफी दिनों पहले हो गई। इसके बाद से उसकी मां, एक दूसरे धर्म के व्यक्ति के साथ लिव-इन में रह रही है। लेकिन मां के पूर्व ससुराल पक्ष के लोग उसे डरा-धमका रहे हैं और जान से मारने की बात कह रहे हैं। याचिका में बताया गया कि उसके माता-पिता 2018 से लिव-इन में हैं।
पीड़ित पक्ष ने कोर्ट को बताया कि यूपी पुलिस (UP Police) ने बार-बार अनुरोध के बावजूद FIR तक दर्ज नहीं की। इतना ही नहीं, जब वे पुलिस स्टेशन गए तो उनका अपमान भी किया जाता है।
नाबालिग बच्ची की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए संभल के पुलिस कप्तान को आदेश दिया कि यदि पीड़ित माता-पिता थाने जाएं तो तुरंत FIR दर्ज की जाए। साथ ही यह भी देखा जाए कि परिवार को सुरक्षा की आवश्यकता है या नहीं। साथ ही लिव-इन में रह रहे इस जोड़े की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न हो इसका ध्यान रखा जाए।
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