
Raahvir Yojana: जब सड़क हादसों की बात होती है, तो अमेठी का ज़िक्र होना अब एक सामान्य बात बन चुकी है। आए दिन यहां की सड़कें खून से लाल हो रही हैं। जनवरी से अप्रैल 2025 तक के आंकड़े तो जैसे चेतावनी हैं कि यहां सफर अब जोखिम भरा हो चुका है। लेकिन अब उम्मीद की एक किरण दिखी है, केंद्र सरकार की ‘राहवीर योजना’। क्या ये योजना अमेठी में सड़कों पर हो रही मौतों की रफ्तार थाम पाएगी?
इस योजना के तहत अगर कोई आम नागरिक सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को ‘गोल्डन आवर’ यानी पहले एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे सरकार की ओर से 25,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसका उद्देश्य न केवल लोगों को मदद के लिए प्रेरित करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई घायल व्यक्ति सिर्फ इसलिए न मरे कि उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया।
प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए 50 से अधिक ब्लैक स्पॉट्स में कुछ प्रमुख नाम ये हैं:
यह सूची दर्शाती है कि अमेठी का शायद ही कोई कोना हो जहां सड़कें सुरक्षित हों।
| महीना | हादसे | मौतें |
| जनवरी | 28 | 20 |
| फरवरी | 28 | 27 |
| मार्च | 27 | 19 |
| अप्रैल | 27 | 16 |
सिर्फ चार महीनों में 82 जानें चली गईं। ये आंकड़े किसी चेतावनी से कम नहीं।
सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य प्रदीप कुमार सिंह कहते हैं कि प्रशासन ने ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दिए हैं। संकेत बोर्ड और स्पीड ब्रेकर भी लगाए गए हैं, लेकिन अगर लोग हेलमेट न पहनें, सीट बेल्ट न लगाएं और नशे में गाड़ी चलाएं तो सारी कोशिशें बेकार हो जाती हैं। अब सवाल यह है कि क्या ‘राहवीर योजना’ अमेठी जैसे संवेदनशील जिलों में बदलाव ला पाएगी? क्या 25,000 रुपये का प्रोत्साहन आम लोगों को मदद के लिए आगे आने को प्रेरित करेगा? यह वक्त बताएगा।
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