
प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और अशरफ का शव रविवार को भारी सुरक्षा के बीच पैतृक गांव में दफनाया गया। माफिया ब्रदर्स की हत्या शनिवार को प्रयागराज के अस्पताल के बाहर की गई थी। दोनों पर शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी और चंद सेकेंड में उनकी मौत हो गई थी। आइए जानते हैं इस घटना से जुड़ी तमाम अपडेट
1- मफिया अतीक अहमद और अशरफ को पुलिस के सामने शनिवार देर रात को गोलियों से भून दिया गया। इस वारदात को तीन हत्यारों ने अंजाम दिया। वह पत्रकार बनकर माफिया ब्रदर्स तक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तकरीबन 18 राउंड हुई फायरिंग में अतीक को 9 गोलियां लगी।
2- जिस दौरान यह हत्या हुई उस समय पुलिस अतीक और अशरफ को लेकर कॉल्विन अस्पताल मेडिकल कराने के लिए पहुंची थी। जहां पर आरोपी अरुण मौर्या, लवलेश तिवारी और सनी ने उन पर गोलियां बरसाईं। इसके बाद हमलावरों ने सरेंडर कर दिया। सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश बांदा का रहने वाला है।
3- माफिया ब्रदर्स की हत्या में तुर्के मेड पिस्टल का इस्तेमाल हुआ। इसे गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रास करवाकर लाया जाता है। भारत में यह पिस्टल बैन है और इसकी कीमत 6-7 लाख है। वहीं आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया है।
4- पुलिस की गिरफ्त में आए हत्यारों ने बताया कि वह इस अपराध को करके दुनिया में बड़ा नाम बनाना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने अतीक और अशरफ की हत्या को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस की तत्परता से वह भागने में सफल नहीं हो पाए। हालांकि इस मामले में आरोपी सनी सिंह का गैंगस्टर सुंदर भाटी के गैंग से भी कनेक्शन जुड़ रहा है। आशंका है कि जिस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हत्या में किया गया वह सुंदर भाटी के गैंग ने ही उपलब्ध करवाई थी।
5- हत्याकांड में जिस सुंदर भाटी का नाम सामने आ रहा है वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उस पर 60 से अधिक केस दर्ज हैं। मौजूदा समय में वह सोनभद्र जेल में बंद है।
6- हत्याकांड को लेकर यूपी सरकार ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इस जांच कमेटी में हाईकोर्ट के जज अरविंद कुमार त्रिपाठी, रिटायर जज बृजेश कुमार और पूर्व डीजीपी सुभाष सिंह शामिल हैं।
7- अतीक और अशरफ की हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दाखिल की गई है। विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल करते हुए मांग की है कि पुलिस कस्टडी में हुई इस हत्या और तमाम एनकाउंटर की जांच करवाई जाए।
8- अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए प्रयागराज लाया गया था। इसी केस में पुलिस ने अतीक और अशरफ की कस्टडी की मांग की थी।
9- उमेश पाल की हत्या प्रयागराज में 24 फरवरी को हुई थी। उस दौरान दो पुलिसकर्मी भी मारे गए थे। उमेश पाल की हत्या मामले में अतीक अहमद, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता, बेटा असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और कई अन्य को आरोपी बनाया गया था।
10- उमेश पाल हत्याकांड मामले में अभी तक 6 आरोपी मारे जा चुके हैं। अरबाज और विजय चौधरी के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने असद और गुलाम का एनकाउंटर झांसी में किया था। उसके बाद पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई।
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद इन अनसुलझे सवालों का नहीं मिल रहा कोई जवाब
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