
बलिया। मुलायम सिंह सरकार में मंत्री गौरीशंकर सिंह बलिया के फेफना विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी भी, पर जब गौरीशंकर की मौत हुई तो उनके बैंक एकाउंट में सिर्फ 250 रुपये थे। मौजूदा परिवेश में आपको यह सुनकर ताज्जुब होगा। पर यह सच है। 25 वर्ष पहले उनकी मौत हुई थी। 28 मई यानी रविवार को उनकी पुण्यतिथि है। रविवार को ही पीएम मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन भी किया है तो लोग ऐसे नेता को याद कर रहे हैं। जिनकी सादगी जनप्रतिनिधियों के लिए आदर्श है।
पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी थे गौरीशंकर सिंह
गौरीशंकर सिंह पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह के करीबी नेताओं में गिने जाते थे। उन्होंने अंतिम सांस तक उनका साथ नहीं छोड़ा। उनका जन्म सागरपाली में हुआ था। समर्थकों के बीच गौरी भैया के नाम से मशहूर गौरीशंकर सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन से ही कर दी थी। वह बलिया स्थित टीडी कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे।
गौरीशंकर सिंह लगातार चार बार रहे विधायक
गौरीशंकर सिंह साल 1977 से 1990 तक लगातार चार बार फेफना विधानसभा से विधायक रहे। पूर्व के समय में इस विधानसभा क्षेत्र का नाम कोपाचिट था। साल 1990 में मुलायम सिंह सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उनका सादगी भरा जीवन मौजूदा समय में जनप्रतिनिधियों के लिए आदर्श है। जब वह साल 1980 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। तब उन्होंने एक पुरानी जीप परचेज की। स्थानीय लोगों के अनुसार, उन्होंने लोगों के बीच कभी भेदभाव नहीं किया। किसी को कोई परेशानी हो तो वह तुरंत उठकर उसके साथ चल देते थे।
1998 में हुआ एमएलए गौरीशंकर सिंह का देहांत
आम जन के लिए हमेशा सुलभ रहने वाले गौरीशंकर सिंह के पास यदि कुछ रहता था तो वह अपने साथ के लोगों को दे देते थे। 28 मई 1998 में उनका देहांत हो गया। जब उनका देहांत हुआ तो उनके बैंक एकाउंट में सिर्फ 250 रुपये थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि इतनी बार विधायक रहने के बावजूद भी जब वह दिवंगत हुए तो उनके घर की सीढ़िया टूटी हुई थी। छत पर रेलिंग नहीं थी।
एमएलए गौरीशंकर सिंह का राजनीतिक जीवन
गौरीशंकर सिंह का जन्म 21 जुलाई 1947 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई और बलिया के एक डिग्री कॉलेज से उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की। साल 1973 में जय प्रकाश नारायण के गठित छात्र महासंघ के जिला अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने साल 1975 में आपातकाल के दौरान 18 महीने की जेल यात्रा भी की। गौरीशंकर सिंह साल 1977 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते। साल 1984 में जब इंदिरा गांधी की मौत से उपजी सहानुभूति की लहर में पूर्व पीएम चंद्रशेखर बलिया से चुनाव हार गए थे। उस समय भी हुए विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर को जीत मिली थी।
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