बरेली में चादर जुलूस निकालने पर टकराव, हंगामा, पुलिस तैनात

Published : Aug 20, 2025, 09:09 AM IST
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सार

Bareilly Breaking News: बरेली में आला हजरत उर्स के दौरान चादर जुलूस निकालने पर विवाद गहरा गया। विरोध और हंगामे के बीच पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई। सवाल उठता है-क्या यह धार्मिक परंपरा का विवाद है या किसी बड़ी साजिश का ट्रेलर? क्या है असली वजह?

Bareilly Chadar Juloos Controversy ने पूरे शहर का माहौल गर्मा दिया है। आला हजरत उर्स, जिसे दुनियाभर से लाखों जायरीन देखने आते हैं, इस बार विवादों में घिर गया। परंपरागत चादर जुलूस निकालने की तैयारी जैसे ही शुरू हुई, विरोध की आवाज़ें तेज हो गईं। हालात बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासन ने तत्काल सुरक्षा बढ़ा दी। 

चादर जुलूस को लेकर हंगामा क्यों?

आला हजरत उर्स हमेशा से बरेली की पहचान रहा है। यहां परंपरागत रूप से धार्मिक रस्में निभाई जाती हैं, लेकिन इस बार चादर जुलूस निकालने का मुद्दा विवादों में आ गया। कुछ संगठनों का कहना है कि यह परंपरा पहले से तय नहीं थी और इसे थोपने की कोशिश की जा रही है। विरोधियों का आरोप है कि जुलूस से साम्प्रदायिक तनाव भड़क सकता है।

पुलिस की तैनाती और प्रशासन की भूमिका

जैसे ही विरोध बढ़ा, प्रशासन हरकत में आया। Bareilly Police Alert पर है और जगह-जगह अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस गश्त तेज कर दी गई। प्रशासन का दावा है कि हालात काबू में हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर तनाव साफ महसूस किया जा रहा है।

क्या विवाद से बढ़ सकता है साम्प्रदायिक तनाव?

बरेली संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। यहां पहले भी छोटे विवाद बड़े रूप ले चुके हैं। इसीलिए सवाल उठता है कि क्या चादर जुलूस का विरोध किसी बड़े साम्प्रदायिक तनाव की शुरुआत है? सोशल मीडिया पर भी अफवाहें फैल रही हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ने का खतरा है।

परंपरा या राजनीति-असली वजह क्या?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह महज़ धार्मिक परंपरा का विवाद नहीं है। इसके पीछे राजनीतिक और सामाजिक हित भी जुड़े हो सकते हैं। स्थानीय चुनाव नज़दीक हैं और ऐसे समय में धार्मिक विवाद अक्सर उभर आते हैं। क्या यह विवाद उसी राजनीति का हिस्सा है या वाकई परंपरा को लेकर मतभेद है?

आगे क्या होगा?

Bareilly Aala Hazrat Urs 2025 अब धार्मिक आयोजन से ज़्यादा राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है। पुलिस और प्रशासन शांति बनाए रखने में जुटा है। सवाल यही है कि क्या यह विवाद यहीं थमेगा या आने वाले दिनों में बरेली का माहौल और गरमाएगा?

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