
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में कोडीन युक्त कफ सिरप प्रकरण को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने सदन में सबूत पेश करते हुए कहा कि इस पूरे मामले के अभियुक्तों के तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस प्रकरण का किंगपिन आलोक सिपाही समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने फोटो दिखाकर यह भी कहा कि एक अन्य आरोपी अमित यादव की तस्वीर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मौजूद है। अमित यादव समाजवादी पार्टी की युवजन सभा से जुड़ा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि आरोपी विभोर राणा का ड्रग लाइसेंस समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जारी किया गया था। वहीं, सपा से जुड़े आलोक सिपाही को वर्तमान भाजपा सरकार ने बर्खास्त किया है। इस पूरे मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोडीन कफ सिरप मामले में अब तक 332 फर्मों पर छापेमारी की जा चुकी है। 136 फर्मों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है और 77 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कोर्ट ने भी इस कार्रवाई को सही ठहराया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि उनकी सरकार इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।” किसी भी दोषी को राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि माफिया से किसके संबंध रहे हैं। यूपी पुलिस की जांच में सामने आया है कि कोडीन कफ सिरप मामले का एक बड़ा आरोपी शुभम जायसवाल भी समाजवादी पार्टी से जुड़ा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शुभम जायसवाल और अमित यादव आपस में व्यापारिक साझेदार हैं। इनका संबंध समाजवादी पार्टी की युवजन सभा से भी रहा है। मिलिंद यादव भी इस नेटवर्क का हिस्सा है, जो शुभम जायसवाल का करीबी बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलिंद यादव का फोन नंबर शैली ट्रेडर्स के GST रजिस्ट्रेशन में दर्ज है। साथ ही अमित और मिलिंद यादव के खातों से शैली ट्रेडर्स के खाते में गलत तरीके से ट्रांजेक्शन किए गए हैं, जिसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मनोज यादव, राजीव यादव और मुकेश यादव कोडीन कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में सीधे तौर पर शामिल हैं। अमित यादव द्वारा 2024 में दुबई यात्रा किए जाने की जानकारी भी सामने आई है।
विपक्ष के हंगामे का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सपा से जुड़े आरोपियों पर कार्रवाई होगी, तो सबसे पहले सपा के लोग ही फतिहा पढ़ने जाएंगे। समाजवादी पार्टी जानती है कि हमारी सरकार कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप का न तो उत्पादन होता है और न ही इसके उपयोग से प्रदेश में किसी की मौत हुई है। मामला दवा के अवैध डायवर्जन, ट्रेडिंग और स्टोरेज से जुड़ा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अनुसार जिन राज्यों में कफ सिरप से मौतें हुई हैं, उसका उत्पादन तमिलनाडु में होता है। इसके बावजूद यूपी में एफएसडीए विभाग ने 1000 से अधिक कफ सिरप सैंपल की जांच की है।
मुख्यमंत्री ने सदन में इस मामले के मुख्य अभियुक्तों के नाम भी रखे। इनमें वाराणसी के शैली ट्रेडर्स फार्मा से जुड़े शुभम जायसवाल, भोला जायसवाल और आकाश पाठक, सहारनपुर के एबार्ट हेल्थ केयर के विभोर राणा, गाजियाबाद के सौरभ त्यागी, अभिषेक शर्मा, विशाल उपाध्याय, तपन यादव और शादाब शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ के मनोहर जायसवाल और बायो हब के इमरान को भी इस प्रकरण का किंगपिन बताया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है कि माफिया से किसके संबंध रहे हैं। कोडीन कफ सिरप मामले में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों की संलिप्तता पूरी तरह उजागर हो चुकी है।
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