28 गवाह, 15 साल की सुनवाई और आखिरकार बरी हुए पूर्व सांसद धनंजय , जानिए क्या था मामला

Published : Jul 03, 2025, 05:54 PM ISTUpdated : Jul 03, 2025, 06:03 PM IST
dhananjay singh

सार

Former MP Dhananjay Singh: जौनपुर के बेलाव घाट हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चारों आरोपी बरी। 15 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में फैसला सुनाया। धनंजय ने कहा, राजनीतिक द्वेष से फंसाया गया।

UP News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बेलाव घाट पर 15 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताते हुए धनंजय सिंह ने कहा कि उन्हें सिर्फ राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया था। इस हत्याकांड में उनका कोई हाथ नहीं था। कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने राहत की सांस ली है। फैसले के वक्त कोर्ट रूम के बाहर उनके समर्थक भी मौजूद थे।

सांसद के बरी होते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। दरअसल, केराकत कोतवाली क्षेत्र के बेलाव घाट पर एक अप्रैल 2010 को ठेकेदारी के विवाद को लेकर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद जिले में हड़कंप मच गया था। हत्या का आरोप सुनीत और पुनीत पर लगा था। पुलिस दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच कर रही थी।

पूर्व सांसद धनंजय पर लगा था साजिश का आरोप

इस दोहरे हत्याकांड में तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह और उनके करीबी आशुतोष सिंह पर साजिश का आरोप लगा था। जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में धनंजय सिंह और आशुतोष को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

28 गवाह सामने आए

इस मामले में पुलिस ने कुल 28 गवाह कोर्ट में पेश किए थे, लेकिन ज्यादातर गवाह अपने बयान से मुकर गए। कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया, जिन्हें सबूतों और गवाहों के अभाव में निर्दोष पाया गया।

फैसले के बाद क्या बोले धनंजय?

डबल मर्डर केस में जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में उनका कोई हाथ नहीं है। उन्हें सिर्फ राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। वहीं, धनंजय सिंह के बरी होने के बाद उनके समर्थकों में काफी खुशी देखी जा रही है।

गवाह मुकर गए

सीबीआई द्वारा चार्जशीट में जिन लोगों को गवाह बनाया गया था, वे सभी एक-एक कर मुकरने लगे। एक गवाह वीरेंद्र प्रताप ने कोर्ट को बताया कि उसने घटना होते नहीं देखी। उसने आरोपियों को पहचानने से भी इनकार कर दिया।

एडीजे प्रथम कोर्ट ने किया बरी

डबल मर्डर केस में आरोपी बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह के मामले में गुरुवार को एडीजे प्रथम कोर्ट में अहम फैसला सुनाया जाना था। इसको लेकर सुबह से ही काफी गहमागहमी थी। करीब तीन बजे के बाद सुनवाई शुरू हुई। 20 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने पाया कि धनंजय सिंह हत्याकांड में शामिल नहीं थे। इसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

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