प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित महाकुंभ मेले के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की है। इस घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। महाकुंभ मेले से श्रद्धालुओं की भीड़ की सुगम वापसी सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि प्रयागराज कमिश्नरेट से वाहनों के प्रवेश पर रोक हटाई जा रही है। वाहनों के प्रवेश पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि ‘सोशल मीडिया पर एक समाचार तेजी से वायरल हो रहा है कि चार फरवरी तक प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह समाचार पूरी तरह से निराधार है। प्रयागराज में वाहनों का प्रवेश (डायवर्जन स्कीम) मौनी अमावस्या को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया था।’ 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौट रहे हैं। पुलिस द्वारा ‘डायवर्जन स्कीम’ को हटाया जा रहा है और बैरिकेड हटाने के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं।'
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आगे उन्होंने कहा '31 जनवरी, एक फरवरी और चार फरवरी को किसी प्रकार वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। केवल दो और तीन फरवरी (बसंत पंचमी स्नान पर्व) को ‘डायवर्जन स्कीम’ लागू रहेगी। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की एक अलग प्रक्रिया है। इस बारे में मेलाधिकारी और डीआईजी द्वारा अलग से सूचित किया जाएगा। प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र में वाहनों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।’