
Fake paneer factory raid: बरईपुर (पिपराइच) में मो. खालिद की पनीर फैक्ट्री में हर दिन करीब 40 क्विंटल पनीर तैयार होता था। खास बात यह थी कि यह पनीर देखने में असली से ज्यादा सफेद होता था, लेकिन इसकी असलियत बेहद खतरनाक थी। पनीर तैयार करने के लिए मिल्क पाउडर, रीठा (डिटर्जेंट), ह्वाइटनर और सैकरीन जैसे घातक केमिकल इस्तेमाल किए जाते थे। थोड़ी सी शक की गुंजाइश न रहे, इसलिए 25 लीटर असली दूध मिलाया जाता था।
मो. खालिद को बखूबी पता था कि उसके पनीर में जो मिलावट होती है, वह पेट की बीमारियों और यहां तक कि कैंसर तक का कारण बन सकती है। इसी वजह से उसका परिवार कभी अपना बनाया पनीर नहीं खाता था। खालिद दिन में पनीर बनाता था और शाम को तैयार माल को छोटे पैकेट में बांधकर चार गाड़ियों से कुशीनगर, महराजगंज और संतकबीरनगर भेजता था। खरीदार पहले से तय होते थे और सुबह तक दुकानों में माल पहुंच जाता था।
160 रुपये प्रति किलो की दर से पनीर बेचने वाले खालिद को एक किलो पनीर पर करीब 35 रुपये का फायदा होता था। ऐसे में 40 क्विंटल पर उसकी एक दिन की कमाई लगभग 1.40 लाख रुपये होती थी। खालिद पर पहले भी खाद्य विभाग कार्रवाई कर चुका है। पिछले वर्ष लिए गए सैंपल में भी पनीर अधोमानक निकला था और उस पर वाद दर्ज हुआ था, जो अब तक अदालत में लंबित है।
दो मई को कुशीनगर में मिले इनपुट के आधार पर इंटर डिस्ट्रिक्ट टीम ने खालिद की फैक्ट्री पर छापा मारा और सैकड़ों किलो नकली पनीर नष्ट करवाया गया। ]इस बार ग्रामीणों की सतर्कता के चलते टीम ने घर के अंदर छिपाकर रखे गए केमिकल भी बरामद किए। इसके बाद जांच का दायरा और गहरा हो गया है।
अधिकारियों ने पनीर बनाने वाली मशीन को एक कमरे में बंद कर फैक्ट्री को सील कर दिया है। सहायक आयुक्त खाद्य सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि जांच आगे भी जारी रहेगी और जल्द अन्य कार्रवाई की जाएगी।
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