
Ghaziabad gang rape case: "सच वो आइना है, जो कभी झूठ का चेहरा नहीं छुपाता..." गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम थाने में जब एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया तो पूरा इलाका सनसनी से भर गया। पुलिस भी हरकत में आई, जांच शुरू हुई, और एक के बाद एक परतें खुलती चली गईं। जो केस ‘पीड़िता’ के इंसाफ की लड़ाई लग रहा था, वो अब ‘झूठ की साजिश’ बनकर सामने आया है।
महिला ने आरोप लगाया था कि विनीत गर्ग नामक व्यक्ति ने उसे ढाबे पर बुलाकर नशीला पदार्थ पिलाया और फिर अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार में गैंगरेप किया। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की और सीसीटीवी खंगाले, तो पूरी कहानी फेल हो गई। वीडियो में महिला अकेली आती और अकेली जाती दिखी।
महिला और विनीत की मोबाइल लोकेशन अलग-अलग स्थानों पर मिली। मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी तरह की चोट या यौन शोषण के संकेत नहीं मिले। यहीं से शक गहराया और पुलिस ने तह तक जाने का फैसला लिया।
जब पुलिस ने महिला की पृष्ठभूमि खंगाली तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। उस पर पहले से गैंगस्टर एक्ट, ठगी और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर अपराधों के 14 केस दर्ज थे। यानी यह कोई पहली बार का मामला नहीं था। जांच पूरी होते ही गाजियाबाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है। अब वही महिला जो खुद को पीड़िता बता रही थी, मुख्य आरोपी बन गई है। महिला पर झूठे केस गढ़ने, फर्जी सबूत बनाने और पैसे वसूलने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ है।
यह मामला एक गहरी सीख है,"हर बार महिला सही नहीं होती और हर बार पुरुष गुनहगार नहीं।" गाजियाबाद पुलिस की तेज़ और पारदर्शी कार्रवाई ने साबित कर दिया कि सच्चाई चाहे जितनी भी लेट हो, सामने जरूर आती है। पुलिस अब महिला के अन्य केसों की भी दोबारा जांच कर रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या और लोग इस गैंग में शामिल हैं।
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