एक्स-रे रिपोर्ट में 64 साल की महिला को बना दिया 26 साल का मर्द? जानिए डॉक्टर को कितनी सज़ा मिली

Published : Jun 03, 2025, 11:10 AM IST
ghaziabad medical negligence doctor fined consumer court verdict wrong report new india assurance

सार

New India Assurance medical error: ग़ाज़ियाबाद में एक डॉक्टर और बीमा कंपनी पर एक्स-रे रिपोर्ट में गंभीर गलतियाँ करने के लिए २०-२० हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गलत उम्र, लिंग, और तारीख दर्ज करने से मरीज को काफी परेशानी हुई।

Medical negligence case Ghaziabad: गाज़ियाबाद जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां डॉक्टर और बीमा कंपनी की लापरवाही का खामियाजा एक मरीज को भुगतना पड़ा। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) ने डॉ. पूजा गर्ग और उनकी बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस लिमिटेड को मरीज अंजू लता राणा को 20-20 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग ने इसे "सेवा में कमी" करार देते हुए डॉक्टर और बीमा कंपनी, दोनों को दोषी माना।

रिपोर्ट में गलत उम्र, गलत लिंग, गलत तारीख और गलत डॉक्टर का नाम!

मामला अयंटा हार्ट केयर एंड डायग्नॉस्टिक्स सेंटर से जुड़ा है, जहां डॉ. पूजा गर्ग द्वारा जारी एक्स-रे रिपोर्ट में कई गंभीर गलतियां थीं। शिकायतकर्ता अंजू लता राणा के अनुसार:

  1. उम्र को 64 की बजाय 26 साल लिखा गया,
  2. लिंग को महिला की बजाय पुरुष बताया गया,
  3. रिफरेंस की तारीख 20 अप्रैल 2018 की बजाय 1 जनवरी 2016 दर्ज की गई,
  4. रिफर करने वाले डॉक्टर का नाम अनिल राठी की बजाय अनुराग सिंगल लिखा गया।

इन सब गड़बड़ियों की वजह से ऑर्थोपेडिक सर्जन ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिससे अंजू लता राणा को मानसिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

आयोग ने माना सेवा में कमी, डॉक्टर और बीमा कंपनी दोनों दोषी

27 मई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन और सदस्य शैलजा सचान ने कहा कि इस प्रकार की गलतियां सिर्फ टाइपिंग की चूक नहीं मानी जा सकतीं। यह डॉक्टर की गंभीर लापरवाही है। चूंकि डॉक्टर बीमा कंपनी के प्रफेशनल इंडेम्निटी पॉलिसी के अंतर्गत आती थीं, इसलिए बीमा कंपनी भी सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार मानी गई।

आदेश: डॉक्टर और बीमा कंपनी को 45 दिनों में भुगतान करना होगा

डॉ. पूजा गर्ग को 20,000 रुपये मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी के खर्च के तौर पर देने होंगे, जबकि बीमा कंपनी को 20,000 रुपये सेवा में कमी के लिए वहन करने होंगे। दोनों को यह रकम 45 दिनों के भीतर अदा करनी होगी, अन्यथा कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

यह फैसला उन सभी मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो अक्सर मेडिकल संस्थानों की लापरवाही को चुपचाप सह लेते हैं। आयोग का यह निर्णय बताता है कि यदि आप सच के साथ खड़े हों और सही दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत करें, तो न्याय जरूर मिलता है।

यह भी पढ़ें: अब संवरने जा रही है लखनऊ की कुकरेल नदी: गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर बनेगा नया आकर्षण

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

उत्तर प्रदेश बना ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद, योगी सरकार की नीतियों से बढ़ा अंतरराष्ट्रीय भरोसा
ग्रामीण आजीविका मिशन: मीरजापुर की सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल