Greenfield Expressway: अब चंदौली से गाजीपुर पहुंचिए आधे समय में, गांवों की तकदीर बदलेगी!

Published : Jul 26, 2025, 10:20 PM IST
Gorakhpur Link Expressway

सार

Greenfield Expressway UP: उत्तर प्रदेश में चंदौली से महराजगंज तक 45 किमी लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का रास्ता साफ हो गया है। इससे गाजीपुर से चंदौली की दूरी आधी होगी और किसानों को मुआवजे के रूप में सर्किल रेट से 4 गुना राशि मिलेगी।

Chandauli To Maharajganj Expressway: पूर्वी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी और विकास को नई दिशा देने जा रही है एक नई पहल, चंदौली से महराजगंज तक बनने वाला 45 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे। इस परियोजना से न केवल सफर का समय घटेगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

अब गाजीपुर से चंदौली का सफर आधे समय में!

इस समय गाजीपुर से चंदौली की दूरी तय करने के लिए लोगों को जमानिया, सैय्यदराजा या सैदपुर जैसे रास्तों से गुजरना पड़ता है, जिससे लगभग 90 किमी की दूरी तय करनी होती है और जाम की समस्या आम है। लेकिन इस नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह सफर आधा हो जाएगा और लोग सीधे महराजगंज से वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पकड़ सकेंगे।

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किन गांवों से गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे?

यह हाईवे शेखनपुर, जमालपुर, लालनपुर, अमादपुर, परमेठ, मैनपुर, लखचंदपुर कला, रामनाथपुर, गोशंदेपुर, बिरासो, सकरा, कपूरपट्टी और दीनापुर जैसे गांवों से होकर गुजरेगा। खास बात यह है कि इन गांवों के आसपास सर्विस रोड भी बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र सीधे एक्सप्रेसवे से जुड़ सकें।

किसानों को मिलेगा 4 गुना मुआवजा, खुश हैं ग्रामीण

इस परियोजना से प्रभावित गांवों के किसानों में उत्साह की लहर है। भूमि अधिग्रहण के लिए सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देने की योजना है, जिससे स्थानीय किसानों और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

कब शुरू होगा निर्माण कार्य?

थ्री-डी डिज़ाइन का काम तेज़ी से चल रहा है और संबंधित अधिकारियों के मुताबिक गजट प्रकाशन की प्रक्रिया भी इसी महीने पूरी होने की संभावना है। इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह एक्सप्रेसवे सरकार की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जो यूपी के पिछड़े इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।

सिर्फ सड़क नहीं, पूर्वांचल के विकास की रीढ़

यह परियोजना केवल एक नया मार्ग नहीं, बल्कि पूर्वांचल में विकास की नई इबारत लिखने वाला जरिया साबित हो सकती है। इससे मऊ, गोरखपुर, अलीनगर, गाजीपुर और बिहार सीमा से लगे क्षेत्रों को बेहतर और तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापार, कृषि और रोजगार के नए अवसर भी जन्म लेंगे।

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