
लखनऊ(एएनआई): भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के 8 जून को एक्सिओम स्पेस के चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने की तैयारी के साथ लखनऊ में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला के माता-पिता ने अपने बेटे की आगामी अंतरिक्ष यात्रा को लेकर अपना उत्साह साझा किया। उनके पिता, शंभू दयाल शुक्ला ने मिशन के सफल समापन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
शंभू दयाल ने सरकार से मिली मदद के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमें बहुत खुशी है। अब, उसका लक्ष्य पूरा हो गया है। वह 2019 से इसकी तैयारी कर रहा था। मिशन 8 जून को शुरू होगा। मैं कामना करता हूँ कि यह मिशन सफल हो। यह देश के लिए गर्व की बात है। वह तैयार है। वह अपना मिशन पूरा करेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता हूँ। सरकार की मदद से ही यह संभव हो पाया है।,"
उनकी माँ, आशा शुक्ला ने इस उपलब्धि में अपनी बहू और कैप्टन शुक्ला की पत्नी को श्रेय दिया।
उनकी मां आशा शुक्ला,"यह एक बड़ी उपलब्धि है। हमें उस पर गर्व है। हम उसकी सफलता की कामना करते हैं। हमारी बहू ने उसका बहुत साथ दिया है। उसके समर्थन के बिना वह ऐसा नहीं कर पाता। यही कारण है कि उसने यह सफलता हासिल की। हम मुख्यमंत्री के आभारी हैं।," शुक्ला नासा और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के संयुक्त प्रयास के तहत स्टेशन का दौरा करने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं। वह 1984 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री भी होंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव हासिल किया था।
भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान, इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल इस वायुसेना पायलट को मार्च 2024 में ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया था। उनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित विभिन्न विमानों पर 2,000 उड़ान घंटे हैं। शुक्ला के अलावा, Ax-4 मिशन में दो मिशन विशेषज्ञ भी हैं - पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोस्ज़ उज़नांस्की-विस्न्यूस्की और हंगरी के टिबोर कपु, जो अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे।
नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन इस व्यावसायिक मिशन की कमान संभालेंगी। शुक्ला और उनके तीन अन्य साथी आईएसएस पर अपने प्रवास के दौरान दुनिया भर के 31 देशों से लगभग 60 वैज्ञानिक जांच करेंगे। इसरो नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के सहयोग से एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) पर परिवर्तनकारी अनुसंधान का नेतृत्व कर रहा है। (एएनआई)
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