UP: एक महीने से बुखार नहीं उतरा तो सूझा देसी इलाज, पी लिया चिरायता निकल गए प्राण

यूपी के जौनपुर में इलाज के लिए देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने पर दो महिलाओं की जान चली गई। दोनों महिलाएं महीने भर से बुखार से पीड़ित थीं। जब बुखार नहीं उतरा तो गांव के ही किसी शख्स ने उन्हें देसी नुस्खे के बारे में बताया। 

जौनपुर (Jaunpur News): यूपी के जौनपुर में इलाज के लिए देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने पर दो महिलाओं की जान चली गई। दोनों महिलाएं महीने भर से बुखार से पीड़ित थीं। जब बुखार नहीं उतरा तो गांव के ही किसी शख्स ने उन्हें देसी नुस्खे के बारे में बताया। दोनों महिलाओं ने उसका इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से दोनों की हालत ​बिगड़ने लगी। महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

क्या है पूरा मामला?

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जानकारी के अनुसार, ये पूरा मामला खुटहन इलाके के मेढ़ा गांव का बताया जा रहा है। गांव की ही शारदा देवी (52 वर्षीय) और उनकी पड़ोसी कुमकुम (26 वर्षीय) बुखार से पीड़ित थी। आसपास के झोलाछाप डाक्टरों से वह दवाईयां ले रहीं थी। पर उन दवाओं का बुखार पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा था। दोनों का स्वास्थ्य करीब एक महीने से बिगड़ा हुआ था। इसकी वजह से दोनों महिलाएं परेशान थी। गांव के ही किसी व्यक्ति ने बातचीत के दौरान महिलाओं को कारगर देसी नुस्खे के बारे में बताया और उसके इस्तेमाल का तरीका भी।

दोनों ने पिया एक-एक गिलास चिरायता

बस फिर क्या था। बुजुर्ग शारदा देवी बाजार के लिए निकल पड़ीं और देसी नुस्खे से औषधि तैयार करने के लिए सामान ले आईं। बताया जा रहा है कि उन्होंने बाजार से लाया गया चिरायता पानी में डालकर उबाला और गिलास में लेकर पीने के लिए बैठी ही थी कि तभी उनकी पड़ोसी कुमकुम भी आ गई। वह भी बुखार से पीड़ित थी। शारदा देवी ने उसे भी उबाला हुआ एक गिलास चिरायता दिया। दोनों ने चिरायता पिया। पर उसके थोड़ी देर बार ही दोनों की हालत खराब होने लगी। यह देखकर परिजनों के हाथ पांव फूल गए। दोनों महिलाओं को इलाज के लिए बदलापुर सीएचसी ले जाया गया। उनकी हालत गंभीर थी। इसलिए डाक्टर ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान ही दोनों ने दम तोड़ दिया।

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