
अयोध्या : 1992 में ध्वस्त बाबरी मस्जिद के बदले एक और मस्जिद बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खुद इजाज़त दी थी, लेकिन निर्माण कार्य लड़खड़ा रहा है. वजह ये है कि मस्जिद निर्माण के लिए समिति बनने के 4 साल बाद भी चंदे में सिर्फ़ 1 करोड़ रुपये ही जमा हुए हैं.
इसलिए मस्जिद समिति ने विदेशी चंदा जुटाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसके लिए विदेशी चंदा नियमन कानून के तहत इजाज़त ज़रूरी है, जिसके लिए केंद्र सरकार को अर्ज़ी दी गई है. मस्जिद कमिटी का कहना है कि अगर अर्ज़ी मंज़ूर हो जाती है तो विदेशों से चंदा मिलना आसान हो जाएगा और मस्जिद का निर्माण शुरू हो सकेगा.
इस बीच, बताया जा रहा है कि इन तमाम प्रक्रियाओं में रोड़ा बन रहीं कमिटी की 4 उपसमितियों को भंग कर दिया गया है. माना जा रहा है कि ऐसा चंदा संग्रह में तेज़ी लाने के लिए किया गया है.
बाबरी मस्जिद के बदले अयोध्या के बाहरी इलाके धन्नीपुर में नई मस्जिद बनाने के लिए जगह चिन्हित की गई थी. उधर बाबरी मस्जिद वाली जगह पर राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है और राम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है, लेकिन मस्जिद का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
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