कानपुर अग्निकांड: बिठूर घाट पर हुआ मां-बेटी का अंतिम संस्कार, पुलिसकर्मियों ने दिया कंधा
कानपुर में झोपड़ी में जलकर मां-बेटी की मौत के बाद दोनों का अंतिम संस्कार बिठूर घाट पर हुआ। इस दौरान मंडलायुक्त समेत अन्य अधिकारी भी वहां पर मौजूद रहें। इससे पहले पुलिसकर्मियों ने शव को कंधा भी दिया।
कानपुर: झोपड़ी में जलकर हुई मां-बेटी की मौत के बाद बुधवार को परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार किया। जनपद के कई बड़े अधिकारी वहां पर मौजूद रहे। इस पूरे मामले में डिप्टी सीएम के आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार शव को उठाने और अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ था।
गांव में पुलिसकर्मी भी मां-बेटी के शव को कंधा देकर एंबुलेंस में रखवाते हुए नजर आए। एसपी और सीओ ने वहां पर मृतकों को कंधा दिया और उनके शव को लेकर आगे बढ़े।
बुधवार को भी शवों को ले जाने के दौरान परिजनों की नाराजगी देखी गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन जल्दबाजी के चलते कर्मकांड भी ठीक तरह से नहीं करने दे रहा है। इसी बीच मृतक के परिजन ने यहां तक कह दिया कि दो लोगों की मौत हुई है कोई भैंस नहीं मरी है, ठीक से कर्मकांड तो करने दिया जाए।
जिस दौरान मां-बेटी का शव बिठूर घाट पर पहुंचा उस समय वहां कमिश्नर राजशेखर, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और भारी संख्या में फोर्स तैनात थी। एंबुलेंस से शव पहुंचने के साथ ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को शुरू किया गया।
आपको बता दें कि इश मामले में एसडीएम, चार राजस्व अधिकारियों, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों समेत कुल 39 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले में कानपुर रेंज आईजी प्रशांत कुमार ने बताया कि एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। इसी के साथ एफआईआर के बाद जांच अकबरपुर इंस्पेक्टर को सौंपी गई।
मामले में लेखपाल अशोक सिंह और बुलडोजर चलाने वाले दीपक की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। आरोपियों पर हत्या, हत्या का प्रयास, मवेशियों को मारने और अपंग करने की कोशिश, घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाए जाने समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने बुलडोजर भी जब्त कर लिया है।