
Kanpur Metro scam: उत्तर प्रदेश की महत्वाकांक्षी परियोजना कानपुर मेट्रो अब एक विवाद और ठगी की कहानी बनती जा रही है। शहर की धरती के नीचे मेट्रो बिछाने का जिम्मा संभाल रही तुर्की कंपनी Gulermak अचानक बिना बकाया चुकाए 80 करोड़ रुपये लेकर शहर से गायब हो गई। इस कंपनी ने काम को सबलेट कर 53 स्थानीय कंपनियों से काम करवाया, जिनका कहना है कि उन्हें 10 महीने से भुगतान नहीं हुआ है।
Gulermak ने भारतीय कंपनी Sam India के साथ मिलकर कानपुर मेट्रो का अंडरग्राउंड सेक्शन बनाया। लेकिन काम पूरा होते ही कंपनी ने छोटे-छोटे भुगतान कर बचा हुआ मोटा पैसा रोक लिया। एक ठेकेदार ने बताया, "कंपनी ने चालाकी से काम निकलवाया और हमें छोटे-छोटे चेक थमा दिए।"
कई ठेकेदारों का आरोप है कि तुर्की के भारत-विरोधी रुख के बाद कंपनी की छवि पर असर पड़ा और वह विवादों से बचने के लिए धीरे-धीरे किनारा करने लगी। इसके बाद काम बंद हो गया और बकाया फंसता चला गया। जब ठेकेदारों ने बात करनी चाही, तो गुलरमैक के अधिकारी फोन तक उठाने से कतराने लगे।
जब उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) से बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 9 ठेकेदारों ने मिलकर जिलाधिकारी कार्यालय में लिखित ज्ञापन सौंपा। जिन कंपनियों का पैसा फंसा है, उनमें शामिल हैं:
Radiant Services के ठेकेदार गजेंद्र सिंह ने कहा, “अब तक हमें केवल 50 फीसदी पेमेंट ही मिला है, बाकी के लिए रोज चक्कर काट रहे हैं।”
जब मीडिया ने इस पर जवाब मांगा, तो UPMRC के ज्वाइंट जीएम (पीआर) पंचानन मिश्रा ने कहा कि, “Gulermak ने चार स्टेशनों का काम पूरा किया और उन्हें पूरा भुगतान कर दिया गया है। सबलेट किए गए ठेकेदारों को पैसा देना उनकी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “Metro के पास 5 फीसदी रिज़र्व फंड है जो प्रोजेक्ट पूरा होने के एक साल बाद रिलीज़ होता है। अगर कंपनी भुगतान नहीं करती है, तो हमें इस पैसे से देना पड़ेगा।”
निजी चैनल ने जब Gulermak से संपर्क करने की कोशिश की, तो अधिकांश कॉल अनुत्तरित रही। अब ठेकेदार कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी में हैं। सवाल ये है कि क्या सरकार और UPMRC इस मामले में हस्तक्षेप कर पीड़ितों को न्याय दिलाएगी?
यह भी पढ़ें: 13 साल बाद सत्ता में वापसी की तैयारी! मायावती ने खोला 'मिशन 2027' का पिटारा
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।