
lucknow coaching centre license will be cancelled : राजधानी में हजरतगंज, कपूरथला, अलीगंज और अन्य क्षेत्रों में संचालित कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए जोखिम भरे साबित हो सकते हैं। यहां आग से बचाव के जरूरी इंतजाम नदारद हैं, जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। फायर विभाग की बार-बार चेतावनी के बावजूद कोचिंग संचालक सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रहे हैं। इस लापरवाही को देखते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) मंगेश कुमार ने 12 कोचिंग सेंटरों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को पत्र लिखा है।
लखनऊ में करीब 5,000 कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं, जहां करीब 2 लाख छात्र अपने भविष्य को संवारने के लिए पढ़ाई करते हैं। लेकिन इन संस्थानों में आग लगने जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कई कोचिंग सेंटरों में फायर एग्जिट नहीं है, इमरजेंसी गेट नहीं बनाए गए हैं, और संकरी गलियों में स्थित होने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी वहां नहीं पहुंच सकतीं।
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सीएफओ के मुताबिक, फायर सुरक्षा मानकों की 10 बिंदुओं वाली जांच में ये 12 कोचिंग सेंटर पूरी तरह फेल पाए गए हैं। पहले चरण में इन कोचिंग सेंटरों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीआईओएस को रिपोर्ट भेज दी गई है। जल्द ही दूसरी सूची भी जारी की जाएगी, जिससे बाकी संस्थानों की भी जांच की जा सके।
शहर में लगातार बढ़ते कोचिंग संस्थानों के बीच अग्नि सुरक्षा को लेकर लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है। कई बार दिल्ली और अन्य शहरों में कोचिंग सेंटरों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें कई छात्रों की जान चली गई। लखनऊ में ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रशासन ने अब सख्ती दिखाई है। अगर कोचिंग संचालकों ने समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया, तो इनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
CFO मंगेश कुमार का कहना है कि फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी कोचिंग सेंटर को जारी लाइसेंस में आवश्यक सुधार नहीं किए गए, तो उन्हें पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। डीआईओएस जल्द ही कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
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