लखनऊ: भिखारी की जिंदगी छोड़कर गणतंत्र दिवस समारोह परेड में शामिल होंगे 45 बच्चे

लखनऊ में गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में 45 बच्चे प्रतिभाग करेंगे। यह बच्चे भिखारी के रूप में अपना जीवन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। इनको लेकर तमाम संस्थाओं औऱ अधिकारियों ने काम किया है।

लखनऊ: 45 बच्चों की जिंदगी गुरुवार को बदल जाएगी जब वह भिखारी के रूप में अपना जीवन छोड़कर गणतंत्र दिवस की परेड में विशेष दल के तौर पर हिस्सा लेंगे। इसी के साथ वह विधानसभा मार्ग पर मार्च भी करेंगे। स्थानीय एनजीओ के अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि परेड में भाग लेने वाले बच्चे भीख मांगने का जीवन छोड़कर बाहर आए हैं।

कई माह से जारी था बच्चों को मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास

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इन 45 बच्चों में चिनहट इलाके की रहने वाली 9 वर्षीय माही ने बताया कि वह भी इस मार्च में शामिल होंगी। माही डॉक्टर बनने की इच्छा रखती हैं। वह अपनी दीदीयों के साथ में नृत्य भी प्रस्तुत करेंगे। उम्मीद एनजीओ के संस्थापक और सचिव बलबीर सिंह ने जानकारी दी कि परेड में शामिल होने वाले यह 45 बच्चे भीख मांगकर यहां तक आए हैं। अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि वह सभी पिछले तकरीबन 8 से 12 माह से लगे हुए थे। सभी बच्चों में मूल रूप से आत्म सम्मान, आत्म प्रतिष्ठा की भावना को जाग्रत किया गया। इसके बाद बच्चों को एक्सपोजर दिया गया। उन्हें राजभवन तक ले जाया गया और लोगों से बातचीत करवाए गई। यह सब देखने के बाद ही बच्चों में आत्म सम्मान की भावना जाग्रत हुई और स्वाभिमान भी जागा।

राज्यपाल ने भी बच्चों से की थी बातचीत

बलबीर सिंह ने बताया कि बच्चों के भीख मांगने में उनके माता-पिता भी साथ दे रहे थे। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, लखनऊ नगर निगम और उम्मीद संस्था के द्वारा बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास किया गया। वहीं नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया यह सभी बच्चे अब गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित हैं। बीते दिनों यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी इन बच्चों से बातचीत की थी। बताया गया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 'SMILE- आजीविका और उद्यम के लिए उपक्षित व्यक्तियों के लिए सहायता' नाम से एक योजना राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की है। इसमें दो उप-योजनाएं ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास और भिक्षावृत्ति के कार्य में लगे व्यक्तियों का व्यापक पुनर्वास भी शामिल है।

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