
सीतापुर, बाराबंकी और लखनऊ को जोड़ने वाली लखनऊ-महमूदाबाद मार्ग अब फोरलेन बनकर परिवहन और औद्योगिक क्षेत्र के लिए नए अवसर खोलेगी। अधिशाषी अभियंता राजीव कुमार राव ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। योजना के तहत सड़क को 14 मीटर चौड़ा कर डिवाइडर सहित बनाया जाएगा, जिससे आवागमन सुगम और सुरक्षित होगा।
पहले यह मार्ग 10 मीटर चौड़ा था, लेकिन नए प्रस्ताव के तहत इसे 14 मीटर चौड़ा किया जाएगा। सड़क पर डिवाइडर, फुटपाथ और पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण भी होगा। लखनऊ से टिकैतनगंज तक लगभग 18 किलोमीटर की सड़क फोरलेन के रूप में विकसित की जाएगी, ताकि कुर्सी और उमरा औद्योगिक क्षेत्र को सीधे जोड़ा जा सके।
लोक निर्माण विभाग के सर्वे के अनुसार फोरलेन बनाने के दौरान लगभग 1500 पेड़ मार्ग के किनारे काटने होंगे। वन विभाग को पत्र भेजकर पेड़ों की कटान की अनुमति मांगी गई है। अधिशाषी अभियंता ने कहा कि विकास के साथ हरियाली का भी ध्यान रखा जाएगा।
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लखनऊ-महमूदाबाद मार्ग केवल बाराबंकी और सीतापुर तक सीमित नहीं है। नेपाल आने-जाने वाले लोग भी इसी मार्ग से चलारीघाट पुल होते हुए नेपाल पहुंचते हैं। मार्ग पर प्रतिदिन हजारों छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र और कस्बों में जाम की समस्या बनी रहती है।
कुर्सी से देवा मार्ग को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस योजना में 36 ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जिन्हें हाईवे का लाभ मिलेगा। डिवाइडर पर लाइट और पौधे लगाए जाएंगे। अनुमानित लागत करीब 210 करोड़ रुपये है।
राजीव कुमार राव, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण: "लखनऊ से टिकैतगंज तक फोरलेन बनाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जल्द ही मंजूर हो जाएगा। फोरलेन बनने से कुर्सी के जाम से लोग निजात पाएंगे और औद्योगिक क्षेत्र के निवेशकों को भी राहत मिलेगी।"
मयंक सिंह, वन रेंजर, देवा: "सड़क चौड़ीकरण के दौरान पहले से कुछ पेड़ कट चुके हैं। अब फोरलेन बनने पर बेहटा से टिकैतगंज तक करीब 1500 और पेड़ कटेंगे, जिनका चिह्नांकन कर लिया गया है।"
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