Ali Ahmed Shifted: नैनी जेल से झांसी क्यों भेजा गया अतीक का बेटा अली? पुलिस एक्शन की वजह चौंकाने वाली

Published : Oct 01, 2025, 09:25 AM IST
Atique Ahmed son Ali Ahmed shifted Jhansi jail

सार

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली को कड़ी सुरक्षा में नैनी से झांसी जेल में शिफ्ट किया गया। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अली को जेल में 1100 रुपये के साथ पकड़ा गया था, लेकिन अचानक तबादले से रहस्य गहरा गया है-अनुशासनात्मक कार्रवाई या कोई बड़ी साजिश?

Ali Ahmed Shifted Jhansi Jail: उत्तर प्रदेश की जेलों और माफिया नेटवर्क से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद अब नैनी सेंट्रल जेल में नहीं रहेगा। बुधवार भोर में भारी पुलिस फोर्स नैनी जेल पहुंची और शासन आदेश के बाद अली को कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी जेल शिफ्ट कर दिया गया। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अचानक शासन ने यह कदम क्यों उठाया?

अली को नैनी जेल से झांसी क्यों भेजा गया?

सूत्रों के मुताबिक, अली की गतिविधियों को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे। नैनी जेल में रहते हुए कई बार खबर आई कि अली को उसके अधिवक्ता से मिलने के दौरान कैश (1100 रुपये) दिया गया। जब यह मामला सामने आया तो जेल प्रशासन ने छापेमारी की और रकम बरामद हुई। इसके बाद दो डिप्टी जेलर को निलंबित भी किया गया। माना जा रहा है कि इसी अनुशासनहीनता और सुरक्षा खतरे के कारण शासन ने अली को झांसी शिफ्ट करने का आदेश जारी किया।

क्या रंगदारी केस से जुड़ा है ट्रांसफर?

अली अहमद सिर्फ जेल अनुशासन भंग के लिए ही नहीं बल्कि कई गंभीर मामलों में आरोपी है। साल 2022 में प्रयागराज के धूमनगंज थाने में 5 करोड़ की रंगदारी मांगने और हमला करने का केस दर्ज हुआ था। पीड़ित साबिर हुसैन की तहरीर पर यह FIR लिखी गई, जिसमें अली समेत 13 लोगों के नाम आए। इसमें अतीक अहमद, उसका बेटा अजी और चचेरा भाई असलम मंत्री तक शामिल हैं। इसी केस के बाद अली को नैनी जेल में डाला गया था।

उमेश पाल हत्याकांड में कैसे जुड़ा नाम?

फरवरी 2023 में प्रयागराज में हुई चर्चित उमेश पाल और दो सिपाहियों की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था। जांच में खुलासा हुआ कि इस हत्या की साजिश जेल से ही रची गई। CCTV फुटेज में अली अहमद जेल के अंदर गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और सदाकत अली जैसे आरोपियों से मिलता दिखा। इसके बाद पुलिस ने अली का नाम भी इस साजिश में शामिल कर लिया।

हाई सिक्योरिटी बैरक भी क्यों नाकाम रही?

अली को नैनी जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक के पास अलग एकांतवास में रखा गया था। उससे केवल अधिवक्ता को ही मिलने की अनुमति थी और वह भी सीसीटीवी निगरानी में। इसके बावजूद बैरक से 1100 रुपये मिलना इस बात का सबूत है कि जेल के अंदर भी उसके संपर्क और प्रभाव बने हुए थे। यही वजह रही कि अब प्रशासन ने उसे झांसी शिफ्ट कर दिया।

झांसी जेल में अब अली का क्या होगा?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि झांसी जेल में अली पर निगरानी और कितनी कड़ी होगी। क्या यहां भी वह अनुशासन तोड़ेगा या जेल प्रशासन उसे पूरी तरह अलग-थलग रख पाएगा? फिलहाल शासन और पुलिस का ध्यान इसी पर टिका है।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

सीमा हैदर का छठा बच्चा! 7वें महीने की प्रेग्नेंट हैं सीमा, फरवरी में दे सकती हैं जन्म
Shocking! मां की हत्या के बाद 2 घंटे शव के पास बैठा रहा बेटा, हैरान कर देगी ये वारदात