
student suicide Mathura: उत्तर प्रदेश बोर्ड का इंटरमीडिएट परिणाम मथुरा की एक होनहार छात्रा के लिए जिंदगी और मौत के बीच का फैसला बन गया। सपना देखा था परिवार का सहारा बनने का, लेकिन जब मार्कशीट में उम्मीद से कम अंक दिखे, तो वह टूट गई। परिणाम ने सिर्फ उसके नंबर नहीं, बल्कि उसका आत्मविश्वास भी तोड़ दिया। और फिर जो हुआ, उसने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया।
मथुरा के थाना जेट क्षेत्र के गांव अरेहरा की रहने वाली 18 वर्षीय छात्रा आरती ने यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा पास तो कर ली, लेकिन जब रिजल्ट में उसे मात्र 51% अंक मिले, तो वह मायूस हो गई। परिजनों के मुताबिक, आरती को उम्मीद थी कि इस बार उसके अच्छे अंक आएंगे क्योंकि उसने बीते वर्ष फेल होने के बाद दोगुनी मेहनत की थी।
नंबर देखकर आरती इतनी निराश हो गई कि उसने जहर खा लिया। जब परिवार को इसकी जानकारी मिली तो तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने बताया कि ज़हर काफी तेज़ था और समय पर इलाज के बावजूद बचाया नहीं जा सका।
आरती के पिता का निधन 2021 में हो गया था। उसकी मां ई-रिक्शा चलाकर पूरे परिवार का खर्चा उठा रही थीं। चार बेटों में आरती इकलौती बेटी थी और पूरे घर की उम्मीद थी। परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में काफी मेहनती थी और हमेशा कुछ बड़ा करना चाहती थी ताकि परिवार को बेहतर जीवन मिल सके।
थाना प्रभारी अश्विनी कुमार ने बताया कि छात्रा के परिजनों से बातचीत के बाद यह सामने आया है कि परीक्षा में मिले कम अंकों के कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और मामले की जांच की जा रही है।
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