
Garhmukteshwar Mandir: महाशिवरात्रि का महापर्व पूरे देश में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसकी भव्यता और अनोखी आभा देखते ही बनती है। जब भोलेनाथ के अनन्य भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान और भजन-कीर्तन करते हैं तो पूरा माहौल शिवमय हो जाती है। महादेव के मंदीर में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। ऐसे में यूपी के हापुड़ जिले में स्थित गढ़मुक्तेश्वर मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में कई ऐसे रहस्य हैं जिसका जवाब पंडितों से लेकर वैज्ञानिकों तक के पास नहीं है।
गढ़मुक्तेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर हर साल एक अंकुर उभरता है। यह अंकुर अपने आप प्रकट होता है और इसके फूटने पर भगवान शिव सहित अन्य देवी-देवताओं की आकृतियां उभरती हैं। इस रहस्य को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने कई शोध किए लेकिन अब तक उन्हें कुछ भी पता नहीं चल पाया। मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु इसे इस पवित्र स्थल की दिव्य शक्ति और चमत्कारिक आशीर्वाद मानते हैं। दूर-दूर से लोग मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
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गढ़मुक्तेश्वर मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है जिसका संबंध महाभारत काल से भी पहले का बताया जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था और तब से यह श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में भगवान शिव के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। प्राचीन काल में गंगा नदी इसी मंदिर के पास से बहती थी। पहले मंदिर से गंगा तक जाने के लिए 108 सीढ़ियां हुआ करती थीं लेकिन समय के साथ नदी की धारा बदलने और आधुनिक निर्माण के चलते अब केवल 84 सीढ़ियां ही शेष रह गई हैं।
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