
Naimisharanya dham development: जहां कभी केवल आस्था की गूंज सुनाई देती थी, अब वहां विकास की गूंज भी सुनाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नैमिषारण्य अब केवल एक धार्मिक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि तेजी से उभरता पर्यटन और रोजगार केंद्र बन चुका है। 2017 में डेवलेपमेंट अथॉरिटी घोषित होने के बाद से इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर आध्यात्मिक सुविधाओं तक, व्यापक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
बीते वर्षों में श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
योगी सरकार द्वारा लगभग ₹150 करोड़ की लागत से कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं:
सोशल मीडिया प्रचार और दक्षिण भारतीय शैली के मंदिर निर्माण से अब दक्षिण भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नैमिषारण्य पहुंच रहे हैं। अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ नैमिषारण्य को भी योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन का हॉटस्पॉट बना दिया है। ट्रैवल एजेंसियां भी इसे एक प्रमुख धार्मिक टूर डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट कर रही हैं।
सीतापुर के जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा, “नैमिषारण्य की प्राचीन गरिमा को पुनः स्थापित करने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। योगी जी की सोच धार्मिक पर्यटन को विश्व स्तर पर ले जाने की है। ”स्थानीय पुजारी प्रह्लाद बाबू दीक्षित ने कहा, “पहली बार किसी सरकार ने तीर्थस्थान को इतने बड़े स्तर पर महत्व दिया है। पहले की सरकारों ने केवल वादे किए, योगी जी ने विकास कर दिखाया।”
स्थानीय होटल व्यवसायी प्रशांत ठाकुर ने बताया, “पहले सिर्फ दक्षिण भारत से श्रद्धालु आते थे। अब उत्तर भारत से भी लोग आने लगे हैं। होटल, फूलवाले, ठेले वाले और ट्रैवल एजेंट – सभी को रोजगार मिल रहा है।”जहां एक ओर चक्रतीर्थ और 88,000 ऋषियों की तपोभूमि की आध्यात्मिक ऊर्जा है, वहीं दूसरी ओर योगी सरकार की योजनाएं इस भूमि को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। नैमिषारण्य अब केवल श्रद्धा का नहीं, विकास और अवसरों का प्रतीक भी बन चुका है।
यह भी पढ़ें: UP: रिश्ता तय करने आया लुटेरा, मेहमान बनकर सब लूट ले गया!
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।