
Noida News: UP के नोयडा शहर की एक ऐसी कहानी जो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं—नोएडा के इंजीनियर अवधेश शर्मा की ज़िंदगी तब पलट गई जब एक OTP ने 5 साल पुराना झूठ उजागर किया।
नोएडा के बरौला गांव में रहने वाले इंजीनियर अवधेश शर्मा की पत्नी अंजू और बेटी 3 जुलाई 2020 को अचानक लापता हो गईं। परिवार फिरोजाबाद का रहने वाला था और घटना से पहले किसी घरेलू कलह की कोई जानकारी नहीं थी। यह गायब होना पूरी तरह चौंकाने वाला था।
अवधेश ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शुरुआती कुछ हफ्तों तक अवधेश ने खुद अपने परिवार की तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
20 जुलाई 2020 को दिल्ली के शाहदरा में रेलवे ट्रैक से एक महिला और बच्ची के शव बरामद हुए। कोविड-19 महामारी की अफरा-तफरी में पुलिस ने बिना डीएनए जांच के शवों की पहचान अंजू और उसकी बेटी के रूप में कर दी। कपड़ों और फोटो से परिवार ने भी पहचान की पुष्टि कर दी, लेकिन अवधेश को यकीन नहीं था।
अवधेश ने कहा कि वह अपने दिल से मानने को तैयार नहीं था कि उसकी पत्नी और बेटी आत्महत्या कर सकती हैं। उसने मामले की दोबारा जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन जांच भी नतीजों तक नहीं पहुंच सकी। सामाजिक रूप से उसे हत्यारे के तौर पर देखा जाने लगा।
23 अप्रैल 2025 को अवधेश को एक ऐसा मैसेज मिला, जिसने उसकी ज़िंदगी बदल दी। यह OTP मैसेज उसकी पत्नी अंजू के आधार कार्ड से जुड़ा था। यह देखकर वह चौंक गया और तुरंत UIDAI से संपर्क किया।
UIDAI की मदद से पता चला कि हाल ही में अंजू के आधार से जुड़ी गतिविधियाँ हुई हैं, जिनमें तीन मोबाइल नंबर शामिल थे। ये नंबर राजस्थान के जोधपुर से एक्टिव पाए गए।
2 मई 2025 को नोएडा और जोधपुर पुलिस की टीमों ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर अंजू और उसकी बेटी को जोधपुर से बरामद किया। वे दोनों पूरी तरह सुरक्षित थीं और अंजू एक ब्यूटी पार्लर में काम कर रही थी।
पूछताछ में अंजू ने बताया कि उन्होंने अपने दम पर नई शुरुआत करने का फैसला किया था। अवधेश ने आरोप लगाया कि अंजू के सोशल मीडिया ऐप पर कई पुरुषों से संबंध थे, जिससे तंग आकर वह बेटी को लेकर चली गईं।
नोएडा पुलिस कमिश्नर ने तत्कालीन थाना प्रभारी, जांच अधिकारी और एसीपी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। बिना डीएनए जांच के शवों को अंजू और मानसी घोषित करना एक बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
अवधेश ने कहा, “इन पांच सालों में मैंने सब कुछ खो दिया—सम्मान, आत्मविश्वास, शांति। लोग मुझे हत्यारा मानते रहे। आज इस OTP ने सच्चाई उजागर कर दी है। मैं UIDAI, प्रधानमंत्री मोदी और एम-आधार ऐप का आभारी हूं।”
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