Mahakumbh 2025: खुले में शौच से गंगा मैली! UP सरकार पर लग सकता है 10 करोड़ का जुर्माना?

Published : Feb 24, 2025, 02:06 PM IST
prayagraj mahakumbh 2025 ngt fine up government open defecation

सार

Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की तैयारियों में स्वच्छता को लेकर उठे सवालों पर NGT ने यूपी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाने की मांग पर विचार कर रही है। बायो-टॉयलेट्स की कमी के कारण श्रद्धालुओं को खुले में शौच करने की मजबूरी बताई जा रही है।

Mahakumbh 2025 sanitation issues: महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दाखिल एक याचिका में यूपी सरकार पर 10 करोड़ रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाने की मांग की गई है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त बायो-टॉयलेट्स नहीं हैं, जिससे लोग मजबूरी में गंगा किनारे खुले में शौच कर रहे हैं।

NGT ने जताई नाराजगी, यूपी सरकार से मांगा जवाब

मामले की सुनवाई के दौरान NGT ने यूपी सरकार से कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखना आपकी जिम्मेदारी है, इस पर तुरंत ध्यान दें। हालांकि, अब तक यूपी सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है, जिसके चलते ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला फिलहाल सुरक्षित रख लिया है।

यह भी पढ़ें: "नेताजी का अपमान नहीं सहेंगे!" यूपी विधानसभा में घमासान, बृजेश पाठक के बयान पर भड़के सपा नेता?

इस मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना बचाव करते हुए कहा कि हमारी ओर से पहले से ही व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने भी यह दलील दी कि सरकार स्वच्छता व्यवस्था के लिए जरूरी कदम उठा रही है।

याचिकाकर्ताओं ने NGT में दावा किया कि सरकार ने महाकुंभ क्षेत्र में ह्युमन वेस्ट के निपटारे के लिए बायो-टॉयलेट्स लगाने का दावा किया है, लेकिन उनकी संख्या और साफ-सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसी वजह से श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं।

10 करोड़ रुपये जुर्माने की मांग!

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में आते हैं, लेकिन पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं नहीं होने के कारण वे खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। इसके समाधान के लिए बायो-टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाने और उनकी सफाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इस लापरवाही के लिए यूपी सरकार पर 10 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाने की भी मांग की गई है।

यह भी पढ़ें: बाप पर चढ़ा था इश्क का बुखार! बेटे को खाए जा रही थी चिंता! चचेरे भाई ने 30 हजार में कर दिया कांड!

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

योगी सरकार की नीतियों से MSME को नई उड़ान, UP बनेगा 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का केंद्र
योगी सरकार की आबकारी नीति से एथेनॉल उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, निवेश में आई तेजी