मंदिरों-घाटों से लेकर सरकार की तैयारियों तक,जानिए महाकुंभ 2025 की A to Z जानकारी

Published : Jan 13, 2025, 06:51 AM IST
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सार

१३ जनवरी से २६ फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए अभूतपूर्व तैयारियां की गई हैं। स्नान पर्व, प्रमुख मंदिर, और आधुनिक सुविधाओं की जानकारी पाएं।

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश | महाकुंभ 2025 का आयोजन संगम नगरी प्रयागराज में आधिकारिक रूप से 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और यह 26 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति, भक्ति और एकता का सबसे बड़ा उत्सव भी है। इस महापर्व में श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा, सुरक्षा और मार्गदर्शन देने के लिए सरकार और प्रशासन ने अभूतपूर्व तैयारियां की हैं। जानिए महाकुंभ 2025 के बारे में सारी जानकार, एशियानेट हिंदी पर…

महाकुंभ का क्षेत्र: 25 सेक्टर्स में बंटा आयोजन

महाकुंभ 2025 के क्षेत्र को आधुनिक तरीके से 5 प्रमुख इलाकों में बांटा गया है, ताकि हर श्रद्धालु को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। ये इलाकें हैं:

  1. झूंसी
  2. तेलीयरगंज
  3. संगम क्षेत्र
  4. परेड ग्राउंड
  5. अरैल

इन इलाकों को 25 सेक्टर्स में विभाजित किया गया है, और इन सेक्टर्स को जोड़ने के लिए 30 प्लांटुन पुल बनाए गए हैं। इससे यातायात और आवाजाही आसान होगी, और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं होगी।

प्रमुख स्नान घाट और मंदिर

महाकुंभ में स्नान और पूजा के लिए कई महत्वपूर्ण घाट और मंदिर हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • संगम क्षेत्र: सबसे पवित्र स्नान स्थल।
  • अक्षयवट: मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष स्थान।
  • बड़े हनुमान मंदिर: सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का केंद्र।
  • शाही स्नान घाट: जहां अखाड़े अपने परंपरागत तरीके से स्नान करते हैं।

इनके अलावा, यहां कई अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें सोमेश्वर महादेव मंदिर, मनकामेश्वर महादेव, और झूसी का उल्टा किला शामिल हैं। ये स्थल श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं।

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महाकुंभ 2025 की प्रमुख तिथियां

इस महाकुंभ में कई प्रमुख स्नान पर्व होंगे, जिनमें श्रद्धालु विशेष रूप से शामिल हो सकते हैं:

  • पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025): शुभारंभ।
  • मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025): सबसे बड़ा स्नान पर्व।
  • बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025): शाही स्नान।
  • माघ पूर्णिमा (11 फरवरी 2025): धार्मिक अनुष्ठानों का दिन।
  • महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): समापन पर्व।

आधुनिक तकनीक और सुरक्षा में नए आयाम

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई तकनीकी और सुरक्षा उपाय किए गए हैं:

  1. डिजिटल नक्शे और वीडियो गाइडेंस से मार्गदर्शन।
  2. ड्रोन निगरानी से सुरक्षा।
  3. स्वास्थ्य सेवाएं, मोबाइल एम्बुलेंस, और रेस्क्यू टीम की तैनाती।
  4. स्मार्ट ऐप के जरिए श्रद्धालुओं को स्नान घाट, मार्ग और मंदिरों की जानकारी मिल सकेगी।

12 वर्षों में एक बार होता है महाकुंभ

महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, भक्ति और समाज की एकता का प्रतीक है। हर 12 वर्षों में इसका आयोजन होता है और यह विशेष रूप से प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में मनाया जाता है। महाकुंभ में स्नान करने से श्रद्धालु अपनी आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति मानते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए सरकार की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:

  • सड़कों और पुलों का विस्तार
  • स्वच्छता और हाइजीन पर विशेष ध्यान
  • तीर्थयात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें और बसें
  • अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं के लिए भाषा सहायता सेवाएं

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