
Prayagraj one-day capital of India: भारत की राजधानी का नाम लेते ही ज़हन में सबसे पहले नई दिल्ली आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा भी शहर है, जिसे सिर्फ एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनने का मौका मिला था? इतिहास की किताबों में दर्ज यह किस्सा जितना दिलचस्प है, उतना ही कम लोगों को इसकी जानकारी है।
उत्तर प्रदेश को यूं ही भारत का सबसे बड़ा राज्य नहीं कहा जाता। यहां न सिर्फ जिलों की संख्या सबसे ज़्यादा है (75 जिले), बल्कि इतिहास और संस्कृति में भी यह राज्य बेहद समृद्ध है। इसी प्रदेश का एक ज़िला है प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद कहा जाता था। साल 1858 में इस शहर को भारत की राजधानी का दर्जा मिला, हालांकि सिर्फ 24 घंटे के लिए।
इस घटना की पृष्ठभूमि ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई है। जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश का प्रशासन ब्रिटिश क्राउन को सौंपा था, उस समय एक ऐतिहासिक ऐलान हुआ। ब्रिटिश सरकार ने इलाहाबाद को एक दिन के लिए देश की राजधानी घोषित किया, ताकि सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से पूरा किया जा सके।
उस दौर में इलाहाबाद उत्तर-पश्चिम प्रांत की राजधानी हुआ करता था। बाद में यह क्षेत्र संयुक्त प्रांत और फिर उत्तर प्रदेश बना। ब्रिटिश राज में यहां कई महत्वपूर्ण संस्थानों की नींव रखी गई :-
जब 12 दिसंबर 1912 को जॉर्ज पंचम ने नई दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया, तब से देश का राजनीतिक और प्रशासनिक केंद्र वहीं स्थापित हो गया। लेकिन इतिहास के पन्नों में इलाहाबाद की वो एक दिन की राजधानी वाली उपलब्धि हमेशा सुनहरे अक्षरों में दर्ज रहेगी।
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