यूपी: Hate Speech Case में गई थी आजम खान की विधायिकी, उसी केस में रामपुर के MP-MLA कोर्ट ने किया बरी

Azam Khan Hate Speech Case: सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जिस हेट स्पीच केस में सजा के चलते उन्हें विधायकी से हाथ धोना पड़ा था। वोट देने का अधिकारी भी नहीं बचा था। अब उसी केस में वह बरी (Rampur MP MLA Court) कर दिए गए हैं।

Contributor Asianet | Published : May 24, 2023 8:33 AM IST / Updated: May 24 2023, 03:06 PM IST

Azam Khan Hate Speech Case: सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जिस हेट स्पीच केस ( Azam Khan Hate Speech Case) में सजा के चलते उन्हें विधायकी से हाथ धोना पड़ा था। वोट देने का अधिकारी भी नहीं बचा था। अब उसी केस में वह बरी कर दिए गए हैं। रामपुर के एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट (Rampur MP MLA Court) ने यह फैसला सुनाते हुए आजम खान (muhammad azam khan) को दोषमुक्त कर दिया है। आपको बता दें कि हेट स्पीच केस में आजम खान को तीन साल की सजा हुई थी।

आजम खान एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट से बाइज्जत बरी

दरअसल, आजम खान (muhammad azam khan) ने हेट स्पीच केस (Hate Speech Case) में निचली अदालत से मिली सजा को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चैलेंज किया था। इसी केस में बुधवार का दिन आजम खान (Relief to Azam Khan)के लिए राहत भरी खबर लेकर आया। कोर्ट से बरी होने के बाद यूपी के सियासी गलियारों में अब एक बार फिर आजम खान की विधानसभा की सदस्यता (Rampur MLA) को लेकर चर्चा जोरों पर है।

आजम खान की विधायिकी क्‍यों रद्द कर दी गई थी?

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को निचली अदालत से तीन साल की सजा होने के तुरंत बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। फिर उस सीट पर उपचुनाव हुए। उस चुनाव में बीजेपी (BJP) के प्रत्याशी को विजय मिली। उनके समर्थकों का कहना है कोर्ट (Rampur MP MLA Court) ने आजम खान को बाइज्जत बरी कर दिया है। निचली अदालत के फैसले को खारिज किया गया है। यह समाजवाद की जीत है। जानकारी के अनुसार, हेट स्पीच केस (Hate Speech Case) में अभियोजन आजम खान पर लगे आरोपों को साबित करने में असफल रहा।

आजम खान हेट स्‍पीच केस क्‍या है?

आजम खान से जुड़ा हेट स्पीच केस का यह मामला लोकसभा चुनाव 2019 के समय का है। उस मामले में निचली अदालत ने 153A, 505A और 125 के तहत आजम को दोषी करार दिया था। उनकी विधायिकी जाने के बाद रामपुर में उपचुनाव हुए। जिसमें बीजेपी के आकाश सक्सेना को विजय मिली। उन्होंने सपा के आसिम रजा को हराया था। यह पहला मौका था, जब रामपुर में बीजेपी को जीत मिली थी।

लोकसभा चुनाव 2019 के समय आजम खान रामपुर से बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने कथित तौर पर पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल का आरोप उन पर लगाया गया था। इसी मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। लोकसभा के चुनाव में उन्हें जीत मिली थी। हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।

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