
जहां कभी दंगों और पलायन की कहानियां थीं, वहीं आज आस्था और अध्यात्म का संगम है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल ने अपनी खोई हुई पहचान फिर से पा ली है। शुक्रवार रात 2 बजे प्राचीन बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल तीर्थ से लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में संभल की पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद एक बार फिर शुरू हुई है, जिसने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व से भर दिया है।
शंखनाद और भजन-कीर्तन के बीच शुरू हुई यह परिक्रमा 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी थी, लेकिन अब योगी सरकार के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई है। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा में शामिल होने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह यात्रा वंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होकर पुनः वंशगोपाल पर समाप्त होती है। इसके मध्य स्थित 87 देवतीर्थ सम्भल की आध्यात्मिक विरासत का साक्षी हैं।
1978 के दंगों के बाद संभल भय और अविश्वास का प्रतीक बन गया था। कई हिंदू परिवारों को अपने घर-बार और दुकानें छोड़नी पड़ीं, धार्मिक आयोजन बंद हो गए और अवैध कब्जे बढ़ते चले गए।लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद संभल की तस्वीर पूरी तरह बदल गई। योगी सरकार ने इन घटनाओं की जांच कराई और न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई की। सांप्रदायिक दंगों के जिम्मेदार तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और धर्मस्थलों को पुनर्स्थापित किया गया।
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संभल में अब अतिक्रमण के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई है। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा 67 के अंतर्गत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों में 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस दौरान 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। धार्मिक स्थलों से जुड़े 37 अवैध कब्जे भी हटाए गए — जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराते हुए सरकार ने 68 तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के सौंदर्यीकरण की योजना शुरू की है। कल्कि अवतार मंदिर समेत कई पौराणिक स्थलों का पुनरुद्धार तेजी से जारी है।
संभल में अब कानून और प्रशासन की पकड़ मजबूत हुई है। सरकार ने 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। बिजली चोरी रोकने के अभियान से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर आ गया है, जिससे 84 करोड़ रुपये की राजस्व बचत हुई।
सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, आर्थिक मोर्चे पर भी संभल ने नई ऊंचाइयां छुई हैं। अब यह जिला ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह बना रहे हैं।
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