वैज्ञानिकों का खुला Challenge: 100% नहाने के लिए शुद्ध है संगम का पानी! कोई साबित....

Published : Feb 22, 2025, 12:12 PM IST
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सार

Scientists challenge CPCB report: कुंभ मेले में संगम के पानी की शुद्धता पर उठे सवालों के बीच, वैज्ञानिकों ने CPCB की रिपोर्ट को अधूरा बताया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, संगम स्नान पूरी तरह सुरक्षित है और श्रद्धालुओं को घबराने की ज़रूरत नहीं है।

Sangam Water Purity: महाकुंभ में देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। लेकिन हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट ने इस पवित्र जल की स्वच्छता पर सवाल उठा दिए थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, संगम के पानी में फीकल बैक्टीरिया (कोलीफॉर्म) की अधिक मात्रा पाई गई है, जिससे लोगों के मन में संदेह उत्पन्न हो गया।

इसी मुद्दे पर वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिपोर्ट अपूर्ण है और इसे गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, त्रिवेणी संगम का जल स्नान के लिए पूरी तरह उपयुक्त है और इसमें कोई घबराने की बात नहीं है।

वैज्ञानिकों ने CPCB की रिपोर्ट को बताया अधूरी

शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पर्यावरण विज्ञान स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार मिश्रा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह और दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर आर.के. रंजन ने कहा कि CPCB की रिपोर्ट केवल सीमित मापदंडों पर आधारित है।

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डॉ. अमित कुमार मिश्रा ने कहा, "हम और अधिक डाटा सेट की आवश्यकता महसूस करते हैं। महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोग स्नान कर रहे हैं, जिससे जल में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पानी नहाने के लायक नहीं है। जल में घुलित ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा इसे स्नान योग्य बनाती है।"

कोलीफॉर्म बैक्टीरिया नया मुद्दा नहीं

वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया कि फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का जल में मौजूद होना कोई नई बात नहीं है। नाइट्रेट और फॉस्फेट की अनुपस्थिति में रिपोर्ट को अधूरी बताया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह ने कहा, "CPCB को और विस्तृत अध्ययन करना चाहिए। रिपोर्ट में केवल बैक्टीरिया की उपस्थिति को आधार बनाकर पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाना अनुचित है।"

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर आर.के. रंजन के अनुसार, "CPCB की रिपोर्ट में जल गुणवत्ता को लेकर कई विसंगतियां हैं। यह कहना कि पानी नहाने योग्य नहीं है, जल्दबाजी होगी। हमें यह भी देखना होगा कि जल का नमूना कहां से और किस समय लिया गया है। बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान जल में बैक्टीरिया की मात्रा अस्थायी रूप से बढ़ सकती है।"

महाकुंभ में स्नान को लेकर घबराने की जरूरत नहीं

वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया कि संगम के जल में घुलित ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है और PH स्तर भी क्षारीय है, जो कि स्वस्थ जल निकाय का संकेत है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में संगम स्नान को लेकर श्रद्धालुओं को डरने की जरूरत नहीं है। हाल ही में आई रिपोर्ट को सही संदर्भ में देखने की आवश्यकता है।

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