
Kashi Vishwanath Sawan Darshan rules: उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर वाराणसी में सावन की आस्था और भीड़ को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ धाम में इस बार विशेष व्यवस्था की गई है। 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह के लिए प्रशासन ने मंदिर परिसर में दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर बड़े फैसले लिए हैं। अबकी बार प्रोटोकॉल दर्शन पूरी तरह से बंद रहेंगे और हर श्रद्धालु को समान व्यवस्था के तहत दर्शन करने होंगे।
काशी के स्थानीय लोगों के लिए प्रशासन ने सुबह 4 से 5 बजे और शाम को 4 से 5 बजे तक झांकी दर्शन की सुविधा दी है। लेकिन यह सुविधा सावन के सोमवार और प्रमुख पर्वों पर लागू नहीं रहेगी। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह फैसला भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
बैठक में यह भी तय किया गया कि सावन के दौरान श्रद्धालुओं को लंबी कतारों से गुजरना होगा, इसलिए स्वास्थ्य के मद्देनज़र खाली पेट कतार में न लगने की अपील की गई है। प्रशासन को आशंका है कि भारी भीड़ के चलते दर्शन में काफी समय लग सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
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धाम परिसर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को कुछ वस्तुएं कतार में साथ लाने की मनाही होगी। इनमें शामिल हैं:
प्रशासन ने अपील की है कि दर्शन में बाधा या सुरक्षा खतरे से बचने के लिए लोग इन वस्तुओं को घर पर ही छोड़कर आएं।
उन श्रद्धालुओं के लिए जो काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंचने में असमर्थ हैं, उनके लिए लाइव दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। यह सुविधा निम्न माध्यमों से उपलब्ध होगी:
इससे घर बैठे भक्त भी श्री काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन-पूजन का लाभ ले सकेंगे।
इस बार भी महाकुंभ जैसी ज़िगज़ैग बैरिकेडिंग, यातायात नियंत्रण और पार्किंग की व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे धाम में श्रद्धालुओं को अनुशासित और सुरक्षित ढंग से दर्शन करने में मदद मिलेगी। आरती के टिकटों की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, सावन के सोमवार को 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। इसके लिए प्रशासन हर स्तर पर सुरक्षा, चिकित्सा और व्यवस्था को लेकर सतर्क है।
सावन में काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार कड़े नियमों और विशेष गाइडलाइन का पालन करना होगा। आस्था और व्यवस्था के संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने जो रूपरेखा बनाई है, वह लाखों भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
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