Iran Israel War: ईरानी सुप्रीम लीडर खुमैनी का यूपी के इस जिले से है खास नाता, जाने पूरी कहानी

Published : Jun 19, 2025, 05:08 PM IST

Iran Israel Conflict 2025: ईरान के पहले सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खुमैनी का यूपी से खास कनेक्शन है। जानिए कैसे यूपी कनेक्शन वाले खुमैनी ने ईरान की राजनीति और आध्यात्मिक दिशा को बदल दिया।

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खुमैनी का यूपी से कनेक्शन

Ayatollah Khomeini Uttar Pradesh Connection: ईरान-इजरायल युद्ध (Iran Israel War 2025) के सातवें दिन जब तेहरान से हम अमेरिकी दबाव या इजरायली मिसाइलों के आगे नहीं झुकेंगे जैसी घोषणाएं हुईं, उसी दौरान एक ऐतिहासिक तथ्य ने पूरी दुनिया, खासकर भारत का ध्यान खींचा। यह है सुप्रीम लीडर आयतुल्ला रुहोल्ला मुसावी खुमैनी का यूपी से कनेक्शन को लेकर। दरअसल, खुमैनी का उत्तर प्रदेश के एक जिले से खास संबंध है।

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खुमैनी के दादा थे 'हिंदी मुसावी'

ईरान की इस्लामिक क्रांति (Islamic Revolution of Iran) के सूत्रधार खुमैनी के दादा सैयद अहमद मुसावी का जन्म 19वीं सदी की शुरुआत में किंटूर गांव में हुआ था। यह गांव यूपी के बाराबंकी जिले में है। किंटूर शिया इस्लामी शिक्षा का ऐतिहासिक केंद्र रहा है। बाद में वे नजफ (इराक) और फिर खुमैन (ईरान) में जाकर बस गए। ईरानी अभिलेखों में 'मुसावी हिंदी' नाम आज भी दर्ज है जो इस बात का प्रमाण है कि ईरान के क्रांतिकारी नेता की नस्लें भारतीय मिट्टी से जुड़ी थीं।

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ईरानी राजनीति को मोड़ देने वाला 'आध्यात्मिक प्रभाव'

ऐसा माना जाता है कि सैयद अहमद मुसावी ने ही खुमैनी में आध्यात्मिकता और धार्मिक चेतना का बीज बोया जिसने आगे चलकर ईरान की राजनीति को ही बदल दिया। 1979 में खुमैनी ने अमेरिका समर्थक शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी को सत्ता से हटाकर ईरान को एक इस्लामिक गणराज्य में बदल दिया।

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सादा जीवन, ऊंचा विचार

ईरान में सर्वोच्च नेता बनने के बावजूद खुमैनी एक छोटे से एक-मंज़िला घर में रहते थे। यह घर उन्हें मुफ़्त में दिया गया था लेकिन फिर भी उन्होंने इसके लिए 1,000 रियाल का भुगतान किया था। घरेलू साज-सज्जा के लिए उन्होंने कभी भी सार्वजनिक धन का उपयोग नहीं होने दिया। समर्थकों ने जब टाइल्स लगाने की पेशकश की तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि जनता का पैसा मेरे घर के लिए नहीं होना चाहिए।

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खुमैनी की विरासत और वर्तमान संघर्ष

खुमैनी की मृत्यु 1989 में हुई। इसके बाद अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने ईरान के सुप्रीम लीडर का पद संभाला। वर्तमान संकट के बीच टीवी पर खामेनेई ने कहा कि ईरान किसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।

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न्यूक्लियर प्रोग्राम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए

ईरान का दावा है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है जबकि इजरायल उसे अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और किसी भी कीमत पर ईरान को न्यूक्लियर पावर बनने से रोकना चाहता है।

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भारत से ईरान तक: एक आध्यात्मिक यात्रा

किंटूर से खुमैन तक की यह यात्रा न सिर्फ एक व्यक्ति की थी बल्कि दो संस्कृतियों, दो सभ्यताओं और दो राजनीतिक दृष्टिकोणों की भी। खुमैनी की भारतीय जड़ों की यह कहानी बताती है कि भारत की मिट्टी ने केवल संत और विद्वान ही नहीं पूरे राष्ट्रों के भविष्य को प्रभावित करने वाले नेता भी दिए हैं।

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