
UP Assembly School Merger Debate: उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र मंगलवार को शिक्षा के मुद्दों पर गरमाया रहा। विपक्ष ने छात्रों के नामांकन, स्कूल मर्जर, शिक्षकों की भर्ती और बच्चों की प्रवेश आयु पर सवाल उठाए, तो बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विस्तृत आंकड़ों के साथ हर आरोप का जवाब दिया।
मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश की आयु 4 वर्ष करना संभव नहीं है, क्योंकि शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून पूरे देश में एक समान प्रावधान लागू करता है। उन्होंने कहा कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी में पहले से ही पढ़ाई और पोषण की व्यवस्था है।
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सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में 1.48 करोड़ से अधिक बच्चे नामांकित हैं।
मंत्री ने दावा किया कि प्राथमिक शिक्षा में 30:1 और उच्च प्राथमिक शिक्षा में 35:1 का छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखा गया है।
विपक्ष के इस आरोप को मंत्री ने पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी भी विद्यालय को बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। पेयरिंग व्यवस्था केवल उन स्कूलों में की गई है, जहां छात्र संख्या 50 से कम है और जो 1 किमी के दायरे में स्थित हैं। इसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर संसाधन और नज़दीकी विद्यालय की सुविधा देना है। मंत्री ने बताया कि पेयर किए गए विद्यालय संसाधनयुक्त स्कूलों में समाहित किए गए हैं। खाली पड़े भवनों में प्री-प्राइमरी और नर्सरी कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। अब तक 3000 से अधिक विद्यालय ICDS के साथ मिलकर संचालित हो रहे हैं और 19,484 ACCE की संविदा पर नियुक्ति हो चुकी है।
संदीप सिंह ने दावा किया कि 2017 से 2025 के बीच योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम किया, उतना किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया।
मंत्री ने कहा कि सरकार का संकल्प शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक ले जाना है। आधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल विद्यालय, बेहतर शिक्षक-छात्र अनुपात और नई भर्ती व्यवस्था इसके केंद्र में होगी।
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